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'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय': युवक के ऊपर से गुजर गई 16 डिब्बों की मालगाड़ी, खरोंच तक नहीं आई

परिवार में विवाद के बाद खुदकुशी करने के लिए वह घर से निकला था। छत्तीसगढ़ के खरियार रोड रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर पहले मालगाड़ी को आता देख पटरी पर लेट गया। लोको पायलट ने हार्न दिया। आपातकालीन ब्रेक लगाया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 10:58 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 10:58 PM (IST)
खुदकुशी करने पटरी पर लेटे युवक के ऊपर से गुजर गए मालगाड़ी के 16 डिब्बे।

खरियार रोड, स्टेट ब्यूरो। 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' कहावत ओडिशा के खरियार रोड के ग्राम गोतमा निवासी युवक पर चरितार्थ हुई है। परिवार में विवाद के बाद खुदकुशी करने के लिए वह घर से निकला था। छत्तीसगढ़ के खरियार रोड रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर पहले मालगाड़ी को आता देख पटरी पर लेट गया। लोको पायलट ने हार्न दिया। आपातकालीन ब्रेक लगाया। इससे ट्रेन धीमी तो हुई, लेकिन रुकी तब, जब 42 में से 16 बोगियां युवक के ऊपर से गुजर चुकी थीं। इसके बाद आरपीएफ के जवानों ने उसे बोगी के नीचे से बाहर निकाला तो बेहोश था। अस्पताल में इलाज के बाद होश आया। स्वजनों को पता चला तो अस्पताल पहुंचे और युवक को समझाकर घर ले गए।

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घर में विवाद के बाद खुदकुशी करने पटरी पर लेटा था युवक

नुआपड़ा जिले का गोतमा गांव में 22 अक्टूबर की शाम टिकेश्वर (19) जब घर पहुंचा तो थोड़ा नशे में था। पिता ने डांट लगाई तो उनसे ही उलझ गया। नाराज होकर टिकेश्वर खुदकुशी करने को घर से निकल गया।

खतरे को भांपते हुए लोको पायलट ने तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाया

आरपीएफ के एएसआइ मंगल सिंह नाग ने टिटलागढ़ से रायपुर की ओर जा रही मालगाड़ी के लोको पायलट एन. माहंतो के हवाले से बताया कि उन्होंने रात करीब साढ़े 11 बजे टिकेश्वर को पटरी पर देखा। ट्रेन आती देख वह अचानक पटरी पर लेट गया। खतरे को भांपते हुए लोको पायलट ने तत्काल आपातकालीन ब्रेक लगाई, बावजूद इसके तेज रफ्तार मालगाड़ी की 16 बोगियां धड़धड़ाते हुए युवक के ऊपर से गुजर गई। गाड़ी रकने के बाद लोको पायलट ने घटना की सूचना स्थानीय स्टेशन मास्टर को दी।

युवक को सरकारी अस्पताल में होश में आने में डेढ़ घंटे लगे

हेड कांस्टेबल टी. राहुल कुमार व कांस्टेबल जी. बगर्ती घटनास्थल पर पहुंचे। युवक को बाहर निकाला तो वह अचेत अवस्था में मिला। मालगाड़ी से ही युवक को रेलवे स्टेशन तक लाया गया। सरकारी अस्पताल में होश में आने में उसे करीब डेढ़ घंटे लगे।

युवक को लेने पहुंचे स्वजन

युवक के होश में आते ही आरपीएफ ने पूछताछ की और घटना की सूचना रात दो बजे युवक के स्वजनों को दी। शुक्रवार सुबह आठ बजे स्वजन स्टेशन पहुंचे। कागजी कार्यवाही पूरी की। फिर आरपीएफ ने युवक को स्वजनों के हवाले कर दिया।


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