युवतियां हो रहीं मधुमेह की शिकार
मधुमेह की बीमारी कम उम्र की महिलाओं को भी हो रही है। यही नहीं किशोरियों व युवतियों को भी यह बीमारी अपनी गिरफ्त में ले रही है। एम्स में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कम उम्र की 60 फीसद महिलाएं मधुमेह से पीड़ित हैं। जबकि 46.6
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। मधुमेह की बीमारी कम उम्र की महिलाओं को भी हो रही है। यही नहीं किशोरियों व युवतियों को भी यह बीमारी अपनी गिरफ्त में ले रही है। एम्स में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कम उम्र की 60 फीसद महिलाएं मधुमेह से पीड़ित हैं। जबकि 46.6 फीसद लड़कियों को मधुमेह होने की आशंका है। डॉक्टर इसे भविष्य के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं।
एम्स के इंडोक्रिनोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद अशरफ गनी ने कहा कि मधुमेह जीवनशैली से जुड़ी हुई बीमारी है। महिलाओं में इस बीमारी के प्रभाव का पता लगाने के लिए एम्स में अध्ययन किया गया है। करीब 2000 महिलाओं पर किए गए अध्ययन में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि उम्र के आधार पर महिलाओं का दो वर्ग बनाया गया। एक वर्ग में 15 से 25 साल की लड़कियां थीं जबकि दूसरे वर्ग में 25 से 40 साल की उम्र की महिलाओं को रखा गया।
अध्ययन में पाया गया कि 15 से 25 साल की उम्र की 13 फीसद लड़कियों को मधुमेह की बीमारी थी। जबकि 33.6 फीसद को मधुमेह होने का खतरा था। वहीं, 25 साल से अधिक उम्र की महिलाएं मधुमेह से अधिक पीड़ित हैं। 25 से 40 वर्ष की 60 फीसद महिलाओं में मधुमेह की पुष्टि हुई।
मोटापा बन रहा बड़ा कारण
डॉ गनी ने कहा कि इसका बड़ा कारण मोटापा है। इसके अलावा माता-पिता को पहले मधुमेह होना भी बीमारी का कारण बन रहा है। इसके अलावा यह देखा गया है कि कम उम्र की महिलाओं में पॉलीसिस्टीक ओवरीयन सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या अधिक हो रही है। यह भी महिलाओं में मधुमेह का कारण बन रही है।
बच्चों में टाइप-2 मधुमेह
बच्चों में अक्सर टाइप-एक की बीमारी होती है। लेकिन बच्चों में मधुमेह टाइप-2 की बीमारी भी देखी जा रही है। जीटीबी अस्पताल के डॉ. मधु ने कहा कि अस्पताल में मधुमेह टाइप-2 से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इसका कारण स्कूली बच्चों में मोटापा है।