Year Ender 2019: सबसे बड़े आतंकी-नक्सली हमले ने दहलाया, चर्चा में रहीं ये बड़ी वारदातें
2019 साल का आखिरी महीना चल रहा है। इस दौरान भी देश में प्रदर्शन का माहौल है। वहीं 2019 में हुई कई आतंकी घटना और आपराधिक वारदातों से देश में उबाल रहा।
नई दिल्ली, एजेंसी। दुनिया बेशक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो और इसे खत्म करने के लिए कई बड़े कदम भी उठाए जा रहे हों, लेकिन तब भी दुनिया में अलग-अलग जगहों पर 2019 में आतंकी हमले हुए। इनमें एक सबसे बड़ा हमला भारत में भी हुआ है। भारत में इस साल हुए बड़े नक्सली हमले ने भी सबका ध्यान खींचा। वहीं, इसके अतिरिक्त भी साल खत्म होने के साथ भारत में कई बड़ी वारदातें हुए, जिनमें लोग सड़कों पर उतर आए थे। तो आइए जानते हैं, आतंकी-नक्सली के साथ भारत में हुई कुछ और बड़ी आपराधिक घटनाओं के बारे में...
Pulwama Attack 2019
साल के दूसरे महीने में ही भारत को एक बड़ा झटका मिला, जिसमें देश ने 40 जवानों को खो दिए थे। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लितपोरा पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश के एक आत्मघाती ने विस्फोटकों से भरी कार से हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे। काफिले पर हमला करने वाला आतंकी भी इस धमाके में मारा गया था।
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी, जिसका सरगना आतंकी मसूद अजहर (Masood Azhar) है। भारत पर हुए इस हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल था। लोग सरकार पर पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे।
14 फरवरी को पुलवामा मे आतंकी हमला हुआ था जिसके 12 दिन बाद ही भारतीय वायूसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के ठिकाने पर हमला किया। इस हमले में में लगभग 300 आतंकियों के मारे गए थे।
Article 370
भारत सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से Article 370 को हटा दिया गया। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए वहां बल तैनात किया गया। हालांकि, इसके बावजूद आतंकियों ने घूसपैठ की और अपनी नापाक हरकतों को नहीं छोड़ा। सितंबर 2019 में जम्मू-कश्मीर में 12 घंटे के भीतर 3 आतंकी हमले हुए, जिनमें 6 आतंकी ढेर हुए और 1 जवान शहीद हो गया था। जम्मू-कश्मीर में नवरात्र से पहले तीन स्थानों पर आतंकी वारदात हुई थी। श्रीनगर में सीआरपीएफ पर ग्रेनेड अटैक किया गया था।
राज्य के रामबन, श्रीनगर और गांदरबल जिलों में आतंकी साजिशों के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा ऑपरेशन चलाया था। रामबन के बटोत में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में, 3 आतंकी ढेर किए गए थे। वहीं, गांदरबल में मुठभेड़ के दौरान सेना ने 3 और आतंकियों को ढेर किया था। बता दें कि रामबन में आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाने की कोशिश की थी, जिस दौरान तीनों आतंकियों को मार गिराया गया था।
Kulgam Terrorist Attack
अक्टूबर 2019 में पाक समर्थित आतंकियों ने मंगलवार को कुलगाम में बड़ा नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने छह गैर कश्मीरी श्रमिकों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया। मारे गए सभी श्रमिक पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले थे। आपको बता दें कि करीब 13 साल बाद यह पहला मौका था जब आतंकियों ने एक साथ दो या उससे ज्यादा संख्या में गैर कश्मीरी श्रमिकों की हत्या की हो।
इससे पूर्व 26 जून 2006 को आतंकियों ने कुलगाम के बुदरू इलाके में नौ श्रमिकों की गोली मारकर हत्या की थी। इससे पूर्व अगस्त 2000 में आतंकियों ने अनंतनाग जिले के मीर बाजार में 19 और मीर नौगाम में सात श्रमिकों की हत्या की थी।
आतंकियों ने यह हमला यूरोपीय दल के कश्मीर पहुंचने से एक दिन पहले किया था। यूरोपीय दल Article 370 हटने के बाद राज्य के हालात देखने के लिए जाने वाला था, लेकिन इससे पहले आतंकियों ने माहौल बिगाड़ते हुए हमला कर दिया।
Gadchiroli Naxal Attack 2019
1 May 2019 को महाराष्ट्र में नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया। राज्य के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जनपद के जाम्बुरगढ़ क्षेत्र में नक्सलियों के एक बड़े हमले में पुलिस के विशेष कमांडो फोर्स के 15 जवान शहीद हो गए थे। विशेषकर नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के लिए बनाई गई क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) के ये जवान एक निजी वाहन से जा रहे थे, जिसे नक्सलियों ने आइईडी विस्फोट से उड़ा दिया था। हमले में उक्त वाहन का चालक भी मारा गया है।
Mob lynching
नवंबर, 2019 में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में गो-तस्करी के शक में भीड़ ने 2 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। घटना में मारे गए दोनों व्यक्ति कथित तौर पर पिकअप वैन में चोरी के जानवर ले जा रहे थे। रास्ते में पड़ने वाले पुतिमारी फोलेश्वरी गांव के लोगों ने शक होने पर उनकी गाड़ी की जांच की। इस दौरान वैन में गाय मिलने पर लोग भड़क गए।
ग्रामीणों ने दोनों की जमकर पिटाई की और पिकअप वैन को भी जला दिया। पुलिस ने दोनों व्यक्तियों को भीड़ से बचाया और कूचबिहार के अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। इस मामले को लेकर भी देश भर में आवाज उठी, लेकिन इसके अलावा भी मॉब लिंचिंग की और वारदातें भी सामने आईं।
Hyderabad Encounter
27 नवंबर 2019 की रात को हैदराबाद के शमशाबाद इलाके में महिला पशु चिकित्सक के सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिसके बाद 26 वर्षीय की हत्या करके शव को जला दिया गया। इस घटना के सामने आने के बाद एक बार फिर निर्भया केस की यादें ताजा हो गई। तब भी लड़की से दुष्कर्म के बाद हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गई थी। जहां तब भी लोग सड़कों पर आए थे और आक्रोश में थे। सही वैसे ही हैदराबाद में भी डॉक्टर के साथ जो हुआ उसे लेकर भी लोग इंसाफ की मांग करने लगे। मामला काफी चर्चा में आ गया था। देश की न्यायिक व्यवस्था से लेकर पुलिस तक पर गंभीर आरोप लगे।
हालांकि, एक दिन तड़के खबर मिली कि महिला के साथ दुष्कर्म और बाद में बेदर्दी से मारने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार डाला है। 7 दिसंबर 2019 को पुलिस ने उन चारों का एनकाउंटर कर दिया। इसे लेकर पुलिस पर सवाल उठे और अभी भी जांच जा रही, जिसकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है।
हालांकि, साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस ने 35 मिनट की कार्रवाई में डॉ दिशा(बदला हुआ नाम) के आरोपियों को ढेर कर दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को क्राइम सीन पर लाया गया था, ताकि महिला डॉक्टर दिशा का मोबाइल, पर्स और दूसरा सामान बरामद किया जा सके।
पुलिस का दावा था कि जब क्राइम सीन रिक्रिएट किया जा रहा था, तभी आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर पत्थरों से हमला किया और 2 हथियार छीन लिए। इसके बाद आरोपी फायरिंग करने लगे। इसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की। इस दौरान 2 पुलिसवालों के सिर में चोट भी लगी।
Unnao Case
इस घटना के बाद आरोपियों को लेकर पूरा देश गुस्से में है। दरअसल, आपको बता दें कि पीड़िता के साथ पिछले साल दिंसबर में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पीड़िता ने इंसाफ की आवाज लगाई, लेकिन शासन से प्रशासन किसी ने नहीं सुनी। मार्च 2019 में कोर्ट के आदेश पर इस मामले में केस दर्ज किया गया।
हाल ही में 4 दिसंबर को दुष्कर्म पीड़िता गांव भाटन खेड़ा में पैदल रेलवे स्टेशन जा रही थी। जेल से छूटकर आए आरोपियों ने बीच रास्ते में उसे पकड़ लिया और उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। युवती 90 फीसदी तक जल चुकी थी। उसे उन्नाव से लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। हालात बेहत गंभीर थी, पूरे देश में इस घटना पर गुस्सा देखने को मिला। पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लाया गया। हालांकि, यहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस संबंध में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
CAA पर बवाल
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून 2019, वैसे तो राजनीतिक मामला हैं, लेकिन इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई। आगजनी हुई। लोग सड़कों पर आतंक फैलाए हुए हैं। पुलिस द्वारा कई लोगों पर FIR दर्ज की जा चुकी है। कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इन प्रदर्शनों में कुछ लोगों की मौत भी हो गई है। यह बवाल अभी भी जारी है।
CAA नागरिकता संशोधन कानून , 2019, अल्पसंख्यकों (गैर-मुस्लिम) के लिए भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है। ये कानून सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले शोषित लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने की राह आसान करता है। CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों - हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी से संबंधित अल्पसंख्यक शामिल हैं। इन्हें भारतीय नागरिकता तब मिलेगी जब वे 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर गए हों।
कानून में हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाने की बात की गई है। हालांकि, इससे भारत में रह रहे मुस्लिमानों को कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन उनका मानना है कि इसमें सिर्फ गैर मुस्लिम लोगों को नागरिकता देने की बात कही गई है। इसलिए ये धार्मिक भेदभाव वाला कानून है जो कि संविधान का उल्लंघन करता है।