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याकूब मेमन की फांसी पर मुहर लगाने वाले जजों को जान का खतरा

मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी रोकने से इन्कार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश दीपक मिश्र को जान से मार डालने की धमकी भरा पत्र मिलने के बाद पीठ में शामिल दो अन्य जज प्रफुल्ल पंत व अमिताव राय ने भी दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2015 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2015 08:53 AM (IST)
याकूब मेमन की फांसी पर मुहर लगाने वाले जजों को जान का खतरा

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी रोकने से इन्कार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश दीपक मिश्र को जान से मार डालने की धमकी भरा पत्र मिलने के बाद पीठ में शामिल दो अन्य जज प्रफुल्ल पंत व अमिताव राय ने भी दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग की है। इसके अलावा एक ईमेल से सु्प्रीम कोर्ट को बम से उड़ाने की भी धमकी पुलिस को मिली थी, जिसके बाद पूरे कोर्ट में तलाशी अभियान चलाया गया। हालांकि तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला।

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गौरतलब है कि धमकी के बाद न्यायधीश दीपक मिश्र की सुरक्षा जेड कैटेगरी की कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों जजों ने दिल्ली पुलिस के सुरक्षा विंग के विशेष आयुक्त एसबीके सिंह को पत्र लिखकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। पुलिस पहले उनकी सुरक्षा की समीक्षा कर रही है। इसके बाद यह निर्णय लेगी कि उन्हें कितनी और सुरक्षा की जरूरत है। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी।

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उन्होंने बताया कि फांसी पर रोक लगाने से इन्कार करने का फैसला सुनाने के बाद ही तीनों न्यायधीश की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसके बाद दीपक मिश्र को धमकी मिलने पर उनकी सुरक्षा जेड कैटेगरी की कर दी गई थी। उधर, याकूब मसले की सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। विशेष आयुक्त (सुरक्षा) एसबीके सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुरक्षा से जुड़ा मसला बहुत ही संवेदनशील होता है। इसलिए मैं सुरक्षा के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दे सकता हूं।

गौरतलब है कि पांच अगस्त की शाम को किसी ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्र के 10 तुगलक रोड स्थित सरकारी आवास के अहाते में गुमनाम चिट्ठी फेंक कर जान से मार डालने की धमकी दी थी। पत्र में कहा गया था कि उन्हें जितनी भी सुरक्षा बढ़ानी है, बढा लें। वे उन्हें खत्म कर देंगे। 15 अगस्त उनकी आखिरी आजादी का दिन होगा। चिट्ठी मिलते ही इसकी सूचना तुगलक रोड थाना समेत पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने इसकी सूचना तमाम सुरक्षा एजेंसियों को भी दे दी गई है।


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