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डब्ल्यूटीओ ने सब्सिडी को ट्रैफिक लाइट के रंगों की तर्ज पर बनाए तीन बॉक्स

डब्ल्यूटीओ का मानना है कि सब्सिडी से व्यापार का स्वरूप विकृत होता है इसलिए इसे कम करना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 07:47 PM (IST)
डब्ल्यूटीओ ने सब्सिडी को ट्रैफिक लाइट के रंगों की तर्ज पर बनाए तीन बॉक्स

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। हाल में अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया कि उसकी कृषि सब्सिडी डब्ल्यूटीओ को दी गयी जानकारी से काफी अधिक है। डब्ल्यूटीओ का मानना है कि सब्सिडी से व्यापार का स्वरूप विकृत होता है इसलिए इसे कम करना चाहिए। डब्ल्यूटीओ ने सब्सिडी की पहचान अलग-अलग बाक्स के रूप में की है। क्या हैं ये बाक्स? जागरण पाठशाला के इस अंक में हम यही समझने का प्रयास करेंगे।

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विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की शब्दावली में सब्सिडी को ट्रैफिक लाइट के रंगों की तर्ज पर तीन बॉक्स - ग्रीन, एम्बर और रेड के रूप में पहचाना गया है।

लाइट जब ग्रीन होती है तो आपको ट्रैफिक सिग्नल पार करने की अनुमति होती है। ठीक इसी तरह डब्ल्यूटीओ में भी सब्सिडी का एक 'ग्रीन बॉक्स' है। इसका मतलब यह हुआ 'ग्रीन बॉक्स' में शामिल सब्सिडी को जारी रखा जा सकता है। डब्ल्यूटीओ का मानना है कि ऐसी सब्सिडी जारी रहने से व्यापार में बाधाएं उत्पन्न नहीं होंगी, इसलिए इसे जारी रखा जा सकता है। घरेलू खाद्य मदद, शोध, अनुसंधान व प्रशिक्षण के लिए अनुदान और पर्यावरण संरक्षण के लिए सहायता इसी श्रेणी में आते हैं। सरकार पर ऐसी सब्सिडी देने से कोई रोक नहीं है।

ट्रैफिक की दूसरी लाइट- एम्बर कलर (पीलेपन के साथ नारंगी रंग) की होती है। एम्बर लाइट का मतलब होता है गति धीमी करना। इसी तर्ज पर डब्ल्यूटीओ में सब्सिडी का एम्बर बॉक्स रखा गया है जिसका मतलब है कि इस बॉक्स में आने वाली सब्सिडी को धीरे-धीरे कम करना है। मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) और उत्पादन की मात्रा बढ़ाने से संबंधित सब्सिडी एम्बर बॉक्स में ही आती हैं। एम्बर बॉक्स में शामिल सब्सिडी के लिए एक सीमा तय की गयी है जिसे 'डी मिनिमिस' कहते हैं। इसका मतलब यह है कि 'डी मिनिमिस' से अधिक सब्सिडी को कम करना है। विकसित देशों को एम्बर बॉक्स की सब्सिडी घटाकर 1986-88 में उनके कृषि उत्पादन के पांच प्रतिशत तथा विकासशील देशों में 10 प्रतिशत के स्तर पर लानी हैं। अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और ब्राजील सहित डब्ल्यूटीओ के 32 देश हैं जिन्हें एम्बर बॉक्स की सब्सिडी कम करनी है।

ट्रैफिक की तीसरी लाइट- रेड होती है। जहां रेड सिग्नल होता है वहां से आगे जाने की इजाजत नहीं होती। ठीक इसी तरह डब्ल्यूटीओ के 'रेड बॉक्स' में शामिल सब्सिडी को भी जारी रखने की अनुमति नहीं होती। हालांकि कृषि पर डब्ल्यूटीओ का जो समझौता है उसमें 'रेड बॉक्स' का प्रावधान नहीं है।

डब्ल्यूटीओ में सब्सिडी की एक और श्रेणी है जिसे ब्लू बॉक्स कहते हैं। ये ऐसी सब्सिडी हैं जो उत्पादन से संबंधित होती हैं। एम्बर बॉक्स की तरह । फर्क बस इतना है कि इसमें कुछ शर्तें लगा दी जाती हैं ताकि व्यापार में बाधाओं को कम किया जा सके। उदाहरण के लिए सब्सिडी पाने वाले किसानों को यदि उत्पादन सीमित करना है तो वह सब्सिडी ब्लू बॉक्स में आएगी।

इसके अलावा विकासशील देशों के लिए 'एसएंडडी बॉक्स' या डवलपमेंट बॉक्स के रूप में सब्सिडी के संबंध में छूट दी गयी है। इसमें विकासशील देशों में कृषि के लिए दी जाने वाली निवेश सब्सिडी शामिल हैं। साथ ही गरीब किसानों को अवैध नार्कोटिक्स फसलों को छोड़कर दूसरी फसलें उगाने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी भी इसमें शामिल है।


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