दुनियाभर में लोगों ने किया सुपरमून का दीदार,68 साल बाद हुई खगोलीय घटना
दुनियाभर में लोगों ने किया सोमवार को सुपरमून का दीदार किया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत समेत दुनियाभर में 68 साल बाद सोमवार को सबसे बड़ा और चमकीला चांद दिखा। आकार और चमक को लेकर ही इसे सुपरमून नाम दिया गया। 1948 के बाद सुपरमून का संयोग बना था। इसके बाद अब 2034 में सुपरमून का दीदार हो सकेगा।
देशभर में चांद को देखने के लिए लोग शाम होते ही ऊंची इमारतों की छत या ऊंचे स्थानों पर इकट्ठे हो गए थे। खगोलशास्त्र में रुचि रखने वालों के लिए यह खास दिन था। राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाके में स्मॉग के चलते लोगों को इस दुर्लभ खगोलीय घटना को न देख पाने को लेकर आशंका थी। लेकिन मौसम ने उनका साथ दिया और वे इसके साक्षी बने।
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भारत से लेकर आस्ट्रेलिया तक लोगों और फोटोग्राफरों ने इस अनोखे चांद की फोटो खिंची। सिडनी के ब्रोंटे बीच पर लोग इकट्ठा हुए थे। इंडोनेशिया और हांगकांग में भी बड़ी संख्या में लोगों ने सुपरमून के दर्शन किए। हांगकांग के प्रसिद्ध स्काइलाइन में चांद के उदय को देखने के लिए पिकनिक आयोजित की गई। ताईपेई के 101 मंजिला इमारत पर सुपरमून का स्वागत करने लोग पहुंचे थे।
क्या है सुपरमून
अंडाकार पथ पर परिक्रमा करते हुए जब चांद पृथ्वी के सबसे करीब आता है तो बड़े आकार में दिखता है। साथ इस स्थान पर उसे सूर्य मिलने वाली रोशनी से चमक बढ़ी हुई दिखती है। इस दौरान पृथ्वी से उसकी दूरी करीब 360,000 किलोमीटर रहती है। वर्षों बाद यह खगोलीय घटना होती है। सुपरमून से समुद्र में ऊंची लहरें भी उठती हैं।