World Vegetarian Day 2020: ये आहार कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत करेगा इम्युनिटी, डाइट में करें शामिल
डॉ. अर्पिता सी. राज ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ रहने का सबसे अचूक उपाय है शाकाहारी होना। कोविड-19 के संक्रमण काल में यह बात और पुख्ता हो गई है कि मजबूत इम्युनिटी और सेहतमंद रहने के लिए इसका कोई विकल्प नहीं है...
नई दिल्ली, जेएनएन। World Vegetarian Day 2020 कोविड-19 के संक्रमण ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इससे होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं ने भारत ही नहीं, संपूर्ण विश्व को अपनी जीवनशैली व खानपान में परिवर्तन के लिए प्रेरित किया है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि- ‘यथा अन्न तथा मन’ अर्थात जैसा हम भोजन लेंगे, वैसे ही हमारा मन, सोच और व्यवहार होगा।
आज इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हम जिन उपायों को आजमा रहे हैं, उनके बारे में पहले से पता था, लेकिन कहीं न कहीं इन्हें लेकर हम गंभीर नहीं थे। निरोगी रहने में हमारे आहार की अहम भूमिका है, क्योंकि यही हमारी मजबूत इम्युनिटी का राज है। प्रकृति द्वारा जो शाकाहार के रूप में नेमतें मिली हैं, वास्तव में वे ही हमारा संपूर्ण आहार हैं यानी सेहतमंद रहना है तो शाकाहारी बनना है। जानें क्या कहती है कानपुर की राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्साधिकारी डॉ. अर्पिता सी. राज।
दुनिया स्वीकार कर रही फायदे: अनेक देसी-विदेशी अनुसंधान केंद्रों व भारतीय आयुर्वेदिक संस्थानों में हुए शोधों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि सामान्य से लेकर जटिल रोगों तक से बचाव में शाकाहार की अहम भूमिका है। इसीलिए शाकाहार को आयुर्वेद में संपूर्ण व पोषक तत्वों से भरपूर आहार की संज्ञा दी गई है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही दीर्घायु प्रदान करता है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य में सात्विक आहार सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और किसी भी तरह के डिप्रेशन व एंग्जायटी से मुक्ति दिलाता है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में गिलोय, शतावरी, अश्वगंधा जैसे अनेक औषधीय पौधे और वनस्पतियां हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोविड-19 में अपनी उपयोगिता साबित कर रही हैं।
कुदरत का वरदान: वास्तव में कुदरत ने इंसान को आहार के रूप में जो भी दिया है, वह किसी वरदान से कम नहीं है। दालें, अनाज और सब्जियां हों या फिर वनस्पतियों के रूप में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियां, जिनका हम सेवन करते हैं, इन सबमें कोई न कोई ऐसा तत्व पाया जाता है, जो स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक है। इसीलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी में आहार के रूप में शाकाहार को प्राथमिकता देने के साथ रसोई में प्रयोग होने वाले मसालों का काढ़े के तौर पर इस्तेमाल बताया गया है। इनके प्रयोग से मरीजों में आशातीत परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
कोविड-19 के संक्रमण में उपचार के लिए प्रयोग की जा रही जिंक और विटामिन-सी जैसे सभी तत्व किसी न किसी रूप में शाकाहार में मौजूद हैं। वनस्पतियों, फलों व मेवों में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, विटामिंस आदि प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। शाकाहार सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण व इकोसिस्टम को संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है कि वर्तमान में भारत के साथ-साथ पश्चिमी देश भी शाकाहार को स्वीकार कर रहे हैं।
शाकाहार के फायदे
- मेटाबॉलिज्म संतुलित रहता है
- मानसिक स्वास्थ्य सुदृढ़ करता है
- इससे बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
- सकारात्मक सोच के साथ दीर्घायु प्रदान करता है
- यह रोगों से लड़ने में सुरक्षा कवच का काम करता है
- इससे हमें वे सारे पोषक तत्व मिलते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक हैं
इस तरह बनेगा संपूर्ण आहार: भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए। मीठा, नमकीन, खट्टा, तीखा, कड़वा और कसैला। चीनी के विकल्प के रूप में शहद या गुड़ का इस्तेमाल लाभदायक है। भोजन का समय निर्धारित कर लें। ब्रेकफास्ट कभी न छोडं, जिससे पूरे दिन के लिए ऊर्जा मिलती रहे। हरी सब्जियां, अनाज, सूखे मेवे, मौसमी फल आदि का सेवन शरीर के लिए जरूरी सारे पोषण प्रदान करता है। दुनिया के कई देशों के साथ ही भारत की नामचीन हस्तियों ने शाकाहार को स्वेच्छापूर्वक अपनाकर यह संदेश दिया है कि शाकाहार ही उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का मार्ग प्रशस्त करता है।