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दुनिया के नेता क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण पर जयपुर में अगले महिना करेंगे चर्चा

हर 4 साल में आयोजित होने वाली विल्डरनेस कांग्रेस का भारत में यह 11वां आयोजन है। राज्य सरकार के सहयोग से यह आयोजन हो रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 11:32 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 11:32 PM (IST)
दुनिया के नेता क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण पर जयपुर में अगले महिना करेंगे चर्चा
दुनिया के नेता क्लाइमेट चेंज और प्रदूषण पर जयपुर में अगले महिना करेंगे चर्चा

 जागरण संवाददाता, जयपुर। बढ़ते प्रदूषण को लेकर भारत ही नहीं दुनिया के सभी देश चिंतित हैं। प्रदूषण और क्लाइमेंट चेंज को लेकर दुनिया के सभी देशों ने एकजुट होकर काम करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। इसी के तहत 19 से 26 मार्च तक जयपुर में ‘वर्ल्ड विल्डरनेस कांग्रेस’ का आयोजन होगा।

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पिछले बार ‘वर्ल्ड विल्डरनेस कांग्रेस’ का आयोजन स्पेन में हुआ था

पिछले बार इसी तरह का आयोजन स्पेन में हुआ था। स्पेन से पहले मेक्सिको में इसी तरह का आयोजन हो चुका है। पूर्व के सालों में वर्ल्ड विल्डरनेस कांग्रेस की दक्षिण अफ्रीका, नार्वे, आस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी मेजबानी मिल चुकी है।

‘वर्ल्ड विल्डरनेस कांग्रेस’ का आयोजन हर 4 साल में होता है, भारत में 11वां आयोजन है

हर 4 साल में आयोजित होने वाली विल्डरनेस कांग्रेस का भारत में यह 11वां आयोजन है। राज्य सरकार के सहयोग से यह आयोजन हो रहा है। एक सप्ताह तक जयपुर में अरबन पॉल्यूशन, इको सिस्टम, पर्यावरण, वन और वन्य-जीवन पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।

आयोजन 19 से 26 मार्च तक चलेगा

राजस्थान स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के मेंबर सुनील मेहता ने बताया कि आयोजन 19 से 26 मार्च तक बिड़ला ऑडिटोरियम में होगा। आधा दर्जन देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे । इनमें मंत्र से लेकर अधिकारी,पर्यावरण विशेषज्ञ एवं वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ शामिल हैं। इसी दौरान एक ‘यंग एनवायरमेंटलिस्ट’ प्रोग्राम होगा, जिसमें कॉलेज-स्कूली छात्र भाग लेंगे। देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। नेशनल जियोग्राफी की ओर से ‘अंडर प्रिविलेज’ बच्चों के लिए जयपुर के झालाना में फोटोग्राफी कैंप लगेगा।

राजस्थान में एनपीआर लागू नहीं करेगी गहलोत सरकार !

मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं करने का मानस बनाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बारे में गृह और विधि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल अधिकारियों द्वारा की जा रही तैयारियों पर निगरानी रख रहे हैं। राज्य विधानसभा का बजट सत्र समाप्त होते ही इस बारे में अधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सीएम ने अधिकारियों को कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना जारी होने के बाद जिस तरह का संशय का माहौल बना हुआ है, उसे लेकर इसे प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। केंद्र के कानून को लागू नहीं करने को लेकर किस तरह से अधिकारिक निर्णय लिया जाए, इस बारे में अधिकारी और संसदीय कार्यमंत्री कसरत कर रहे हैं। राज्य सरकार का मानना है कि एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 (सीएए) के तहत नहीं की गई है।


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