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World Book Fair 2020: आखिरी दिन भी रही पसंदीदा पुस्तक की तलाश, हर हॉल में दिखी अच्छी खासी रौनक

विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन कुछ स्टालों पर 50 फीसद से भी ज्यादा छूट दी जा रही थी। प्रभात प्रकाशन ने बॉयोग्राफी बुक्स एवं संघ साहित्य की पुस्तकों पर विशेष छूट दी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 12:11 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 12:35 AM (IST)
World Book Fair 2020: आखिरी दिन भी रही पसंदीदा पुस्तक की तलाश, हर हॉल में दिखी अच्छी खासी रौनक

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। 28वें विश्व पुस्तक मेले के अंतिम दिन रविवार को भी काफी भीड़ रही। सुबह से ही लोग जुटने लगे थे और दोपहर तक किसी भी हॉल में प्रवेश पाना कठिन हो गया। साहित्यिक कार्यक्रमों में भी पुस्तक प्रेमियों का उत्साह दिखा।

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प्रगति मैदान में चल रहे पुस्तक मेले में आखिरी दिन भी लोग पसंदीदा पुस्तक खोजने में जुटे थे। महात्मा गांधी, सावरकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वामी विवेकानंद, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी पुस्तकें ज्यादा पसंद की गईं।

प्रकाशकों ने भी छूट का दायरा बढ़ दिया था। कुछ स्टालों पर 50 फीसद से भी ज्यादा छूट दी जा रही थी। प्रभात प्रकाशन ने बॉयोग्राफी बुक्स एवं संघ साहित्य की पुस्तकों पर विशेष छूट दी। कई स्टॉलों पर किताबों की सेल लगी थी। बच्चे जहां कार्टून चरित्रों के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए, वहीं युवक-युवतियां भी कई जगह सेल्फी लेते दिखाई दिए।

जलसा घर में हुए एक साथ कई लोकार्पण

राजकमल प्रकाशन के जलसा घर में उपन्यास आईना साज का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम में लेखिका अनामिका के साथ साहित्यकार प्रभात रंजन शामिल थे। उमा शंकर चौधरी की दिल्ली में नींद, प्रत्यक्षा सिन्हा की ग्लोब के बाहर लड़की और अनुपम मिश्र के लेखों का संग्रह विचार का कपड़ा और बिन पानी सब सून का भी लोकार्पण हुआ।

लोकार्पण एवं परिचर्चा

वाणी प्रकाशन ग्रुप के स्टॉल पर भारतीय भाषा कार्यक्रम के निदेशक व लेखक अभय कुमार दुबे की समाज विज्ञान पर आधारित पुस्तक 'हिंदू-एकता बनाम ज्ञान की राजनीति' का लोकार्पण व परिचर्चा की गई। सूर्यनाथ सिंह के कहानी संग्रह 'कोई बात नहीं' और शीला डागा की पुस्तक किन्नर गाथा का लोकार्पण भी हुआ।

यश प्रकाशन के स्टॉल पर दिनेश कुमार माली की पुस्तक 'राधामाधव : एक समग्र चिंतन' का लोकार्पण लेखक की अनुपस्थिति में 'राधामाधव' महाकाव्य के सर्जक कवि उद्भ्रांत, मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ आलोचक डॉ. करुणा शंकर उपाध्याय एवं आलोचक डॉ. रामप्रकाश कुशवाहा ने किया। लेखिका हिमानी के लघुकथा संग्रह 'नमक' भी पाठकों में चर्चा का केंद्र रहा। हॉल नंबर- 8 के द बुक लाइन प्रकाशन के स्टॉल पर तीन पुस्तकों के कवर पेज का लोकार्पण किया गया।


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