कोरोना वायरस से जूझती दुनिया, कोविड-19 परीक्षण में बहुत पीछे भारत
कौन कोरोना के संक्रमण से ग्रसित है और कौन है जो सिर्फ सामान्य खांसी-बुखार या वायरल से पीड़ित है। भारत के संदर्भ में देखें तो भारत में कोरोना को लेकर बहुत कम टेस्ट हुए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण दुनिया के सामने चुनौती है। इस चुनौती से सबसे शक्तिशाली होने का दावा करने वाला अमेरिका भी बच नहीं सका है। वुहान से उपजा कोरोना का जिन्न जब अमेरिका जा पहुंचा है। उसके सामने चुनौती बड़ी है और इससे पार पाने के लिए वह भारत से भी गुहार लगा चुका है।
अमेरिका में संक्रमित लोगों की संख्या चार लाख को पार कर चुकी है और मौत का आंकड़ा बढ़कर 14 हजार से ज्यादा हो चुका है। दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए टेस्ट किए जा रहे हैं। इससे पता लगता है कि कौन कोरोना के संक्रमण से ग्रसित है और कौन है जो सिर्फ सामान्य खांसी-बुखार या वायरल से पीड़ित है। भारत के संदर्भ में देखें तो भारत में कोरोना को लेकर बहुत कम टेस्ट हुए हैं।
कोरोना से जूझती दुनिया : कोरोना के कारण दुनिया के सामने भी बड़ा संकट है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस से 15 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और मौतों का आंकड़ा 85 हजार को पार कर चुका है। हालांकि उम्मीद की किरण वो लोग जरूर नजर आते हैं जो कोरोना संक्रमण से जूझकर लौटे हैं। वैश्विक स्तर पर करीब कोरोना से संक्रमित 3 लाख लोग ठीक हो चुके हैं।
अमेरिका की आलोचना : कोविड-19 महामारी के कम परीक्षण को लेकर अमेरिका की भारी आलोचना की गई है। मार्च के मध्य तक अपने निवासियों के प्रति दस लाख जनसंख्या में से केवल 125 परीक्षण किए थे, जबकि दक्षिण कोरिया ने प्रति दस लाख लोगों में से 5,567 और इटली में 2,514 लोगों के परीक्षण किए। अमेरिका ने अब परीक्षण की पुष्टि की है और कोविड-19 की पुष्टि के मामलों की संख्या जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार 06 अप्रैल तक 3,37,646 थी।
सुधार के बावजूद, अमेरिका अभी भी परीक्षण में अन्य देशों से पीछे है और वल्र्डोमीटर द्वारा प्रकाशित नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, उसने 09 अप्रैल तक प्रति दस लाख लोगों पर 6766 परीक्षण किए थे। यह अभी भी देशों की एक लंबी सूची के पीछे है, जिसमें कनाडा प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 8,767 परीक्षण और जर्मनी 10,962 टेस्ट कर रहा है।