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World Animal Day: क्यों 25 मार्च की जगह 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा पशु दिवस, जानें इतिहास

4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाती जाता है। पहले ये 24 मार्च को मनाया जाता है लेकिन बाद में इसे 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 09:48 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 09:48 AM (IST)
World Animal Day: क्यों 25 मार्च की जगह 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा पशु दिवस, जानें इतिहास
World Animal Day: क्यों 25 मार्च की जगह 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा पशु दिवस, जानें इतिहास

नई दिल्ली, जागरण डेस्क। हर साल दुनियाभर में 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस (World Animal Day) के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर जानवरों की स्थिति में सुधार लाने और उसे बेहतर बनाने है। इस दिवस को पशु कल्याण आंदोलन को एकजुट करना है। इसका उद्देश्य ये भी है कि जानवरों के लिए एक बेहतर स्थान बनाया जा सके। 

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हर देश में इसे मनाने का अलग है ढंग

हर देश में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।  राष्ट्रीयता, धर्म, आस्था और राजनीतिक विचारधारा के बाद भी सभी देश उसे अपने तौर तरीके के साथ मनाते है। बढ़ती हुई जागरुकता और शिक्षा के जरिए हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं। जहां जानवरों की भावनाओं को समझा जाए और उनके कल्याण पर ध्यान दिया जाए। 

कैसे हुई विश्व पशु दिवस की शुरुआत

विश्व पशु दिवस की शुरुआत स्त्री रोग विशेषज्ञ हेनरिक ज़िमरमन ने की थी। उन्होंने 24 मार्च 1925 को बर्लिन, जर्मनी में स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया था। इस पहले कार्यक्रम में 5,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। यह कार्यक्रम मूल रूप से 4 अक्टूबर के लिए निर्धारित किया गया था, जो कि Assisi के संत फ्रांसिस के पर्व के साथ संरेखित करने के लिए था। हालांकि, उस दिन स्थल उपलब्ध नहीं था। 1929 में पहली बार इस कार्यक्रम को  24 मार्च की जगह 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा।

पशु कल्याण संगठन, सामुदायिक समूह, युवा और बच्चों के क्लब, व्यवसाय और व्यक्ति विश्व पशु दिवस के मौके पर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।  नेचरवॉच फाउंडेशन भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और इस दिन को पूरी दुनिया में याद दिलाने के लिए मदद कर रहा है। 


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