World AIDS Day: दुनिया में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग एचआइवी से प्रभावित, आंकड़ो में देखें भारत की स्थिति
World AIDS Day एचआइवी लगातार एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है। एचआइवी को रोकने जांच इलाज और लोगों की देखभाल के लिए बहुत से स्वास्थ्य कर्मी जुटे हैं।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। विश्र्व एड्स दिवस से ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर एड्स की स्थिति बताने वाली रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में एड्स से होने वाली मौतों में कमी आई है तो इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह लोगों में इस रोग के प्रति बढ़ती जागरूकता और मेडिकल खोजों को दिया जा सकता है।
हालांकि इसके बावजूद एड्स को लेकर चुनौतियां अब भी बरकरार है। विश्र्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार एड्स दिवस की थीम 'कम्युनिटी मेक द डिफरेंस' (समुदाय बदलाव लाता है) रखी है।
समुदाय आग आएं
एचआइवी लगातार एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है। एचआइवी को रोकने, जांच, इलाज और लोगों की देखभाल के लिए बहुत से स्वास्थ्य कर्मी जुटे हैं। इसके बावजूद गति बहुत धीमी है। अब विश्र्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल जो थीम चुनी है उससे पता चलता है कि जब तक समुदाय एचआइवी/एड्स की रोकथाम के लिए आगे नहीं आएंगे, तब तक यह काम बहुत मुश्किल होगा। डब्ल्यूएचओ ने देशों से अपने कार्यक्रमों में समुदायों को जोड़ने की बात कही है। समुदाय आधारित एचआइवी इलाज और देखरेख से पैसे के साथ डॉक्टरों और नर्सो का श्रम भी बचेगा।
मौतों में आई कमी
एड्स के कारण होने वाली मौतों में 2004 की अपेक्षा आधी से ज्यादा कमी आई है। हालांकि उचित समय पर पहचान और बेहतर इलाज के बावजूद पिछले साल 7 लाख 70 हजार लोगों की मौत हुई। यह आंकड़ा भी काफी भयावह है। वहीं 17 लाख नए लोग संक्रमित हुए हैं। 2007 से 2018 के बीच नए एचआइवी संक्रमण में 37 फीसद की कमी दर्ज की गई है और इससे होने वाली मौतों में 45 फीसद की गिरावट आई है।
आंकड़ों में मर्ज का आतंक
- 3.8 करोड़ लोग दुनिया में एड्स के साथ जीने को मजबूर हैं।
- 2.4 करोड़ एंटीरिट्रोवायरल थेरेपी ले रहे हैं।
- नौ साल पहले थेरेपी लेने वालों की संख्या महज सत्तर लाख थी।
- 80 लाख लोग नहीं जानते कि वे एचआइवी से प्रभावित हैं।
भारत की स्थिति (2017 के अनुसार)
- 21 लाख लोग एचआइवी के साथ जी रहे थे।
- 88 हजार लोग संक्रमित पाए गए
- 69 हजार लोगों की एड्स के कारण मौत
एचआइवी से एड्स
द इम्यूनोडेफिसिऐंसी वायरस (HIV) व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करके ध्वस्त कर देता है। एचआइवी संक्रमण की सबसे विकसित अवस्था एड्स है। इसका इलाज नहीं कराया जाए तो यह दो से 15 सालों के बीच विकसित हो जाता है।