अपराध पर लगाम लगाती 'तीसरी आंख', अब रात के अंधेरे में भी नहीं बचेंगे अपराधी
जयपुर शहर में पुलिस 552 वीडियो कैमरों के सर्विलांस से 24 घंटे शहर पर निगाह रखती है।
जयपुर (माला दीक्षित)। वैसे तो तकनीक का हर क्षेत्र में बढ़चढ़ कर प्रयोग हो रहा है लेकिन राजस्थान पुलिस ने तकनीक का इस्तेमाल अपराधों पर लगाम लगाने और जनता की सुरक्षा में बेहतरी लाने के लिए किया है। जयपुर शहर में पुलिस 552 वीडियो कैमरों के सर्विलांस से 24 घंटे शहर पर निगाह रखती है। राजस्थान शायद देश का पहला राज्य और जयपुर पहला ऐसा शहर होगा, जहां शहर अभय कमांड सेंटर के जरिए एक जगह एक साथ पूरे शहर पर न सिर्फ निगाह रखी जाती है बल्कि कैमरे में कैद आपराधिक घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई भी की जाती है।
रात के अंधेरे में भी नहीं बचेंगे अपराधी
शहर में लगे कैमरों में नाइट विजन भी हैं ताकि रात का अंधेरा अपराधी को बचने का मौका न दे। अपराध कर भाग रहे बदमाशों की रिकार्डिंग आने पर फेस डिटेक्शन साफ्टवेयर से उसकी पहचान की जाती है। ये अभय कमांड सेंटर जयपुर में पिछले करीब एक साल से काम कर रहा है, लेकिन पूरे राजस्थान में सात जिलों में ऐसे अभय कमांड सेंटर चालू हो चुके हैं। जयपुर के अलावा अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा, भरतपुर और उदयपुर में ये केन्द्र हैं। वीडियो सविर्लांस की रिकार्डिंग एक महीने तक सुरक्षित रखी जाती है। आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में अपराधों में कमी आयी है। वैसे तो हर तरह के अपराध में पहले से कमी आयी है लेकिन बताते चलें कि दुष्कर्म के अपराध में पिछले वर्ष की तुलना में 36 फीसद की कमी देखी गई है। अभय कमांड सेंटर सिर्फ शहर में होने वाले अपराधों पर ही निगाह नहीं रखता बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसके जरिये निगाह रखी जाती है।
पीसीआर वैन में दिये गए हैं टैब
महिलाओं की सुरक्षा के लिए जयपुर में पुसिल पीसीआर वैन में टैब दिये गये हैं जो सिस्टम से सीधे जुड़े हुए हैं ताकि किसी भी तरह की सूचना पर शिकायत का बिलकुल सही सही विवरण दर्ज हो और उस पर तत्काल कार्रवाई व फालोअप सुनिश्चत हो सके।