निर्भया डाक्युमेंट्री: आपत्तिजनक बयान देने वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
निर्भया डाक्युमेंट्री में आपत्तिजनक बयान देने वाले वाले बचाव पक्ष के दो वकीलों को सुप्रीम कोर्ट ने आज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस वी गोपाल गौड़ा के नेतृत्व वाली पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा, इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार की जरूरत है ।
नई दिल्ली। निर्भया डाक्युमेंट्री में आपत्तिजनक बयान देने वाले वाले बचाव पक्ष के दो वकीलों को सुप्रीम कोर्ट ने आज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस वी गोपाल गौड़ा के नेतृत्व वाली पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा, इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार की जरूरत है और अधिवक्ता एमएल शर्मा और एपी सिंह को नोटिस जारी किया जाता है।
दरअसल, महिला वकीलों की एसोसिएशन ने दोनों पुरूष वकीलों को महिला की अस्मिता के विरुद्ध अपमानजनक बयान देने पर सजा दिलाने के लिए न केवल सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। साथ ही तय किया कि वे पुरुष वकीलों द्वारा लिंग भेद किए जाने के खिलाफ लड़ाई भी लड़ेंगी।
सुप्रीम कोर्ट महिला अधिवक्ता संघ ने वकील एमएल शर्मा और एपी सिंह के कमेंटस पर आपत्ति जताते हुए दोनों वकीलों के सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग भी की। एडवोकेट महालक्ष्मी पायानी के मार्फत दायर याचिका में कहा गया कि डाक्युमेंट्री में दोनों वकीलों द्वारा दिया गया बयान बेहद अमानवीय, परिवादात्मक,
अनुचित, पक्षपाती, अपमानजनक और महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन करते हुए सीधा अपमान है। खास तार पर महिलाओं के सुप्रीम कोर्ट में अभ्यास करने को लेकर भी। इन टिप्पणियों से सुप्रीम कोर्ट में अभ्यास करने वाली महिला वकीलों के बीच असुरक्षा, आक्रोश और भय की भावना उत्पन्न हुई है।
इस याचिका के साथ दोनों अधिवक्ताओं के उक्त बयानों की एक ट्रांसक्रिप्ट भी याचिका संग दाखिल की गई है।
एम एल शर्मा के आपत्तिजनक कमेंट का उल्लेख करते हुए कहा गया कि न्याय के तथाकथित रक्षक की तरफ से आए इन शब्दों से बेटियों, महिलाओं और देश के हर नागरिक के लिए उनके असली चेहरे, धारणा और विचारों का खुलासा करता है।
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