साल 2018 में सशक्त होंगी आधी आबादी, केंद्र सरकार प्रतिबद्ध
केंद्र सरकार ने महिला शक्ति केंद्रों के निर्माण की घोषणा की है। इसका मकसद देश की ग्रामीण महिलाओं तक पहुंच बनाकर उन्हें कौशल विकास, रोजगार के अवसरों से जोड़ना है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। इस साल महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाले कई आयाम स्थापित हो सकते हैं। सरकार और समाज दोनों स्तरों पर प्रयास जारी हैं। निश्चित ही नतीजे रंग लाएंगे। आधी आबादी समृद्ध होगी, सशक्त होगी तो समाज और राष्ट्र तरक्की की ओर बढ़ेगा। नए साल में महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों पर नजर डाल रहे हैं हर्षित मिश्रा :
महिला शक्ति केंद्र संवारेंगे भविष्य
केंद्र सरकार ने महिला शक्ति केंद्रों के निर्माण की घोषणा की है। इसका मकसद देश की ग्रामीण महिलाओं तक पहुंच बनाकर उन्हें कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य व साक्षरता के अवसरों से जोड़ना है। इन केंद्रों की शुरुआत 115 अति पिछड़े जिलों से होगी। जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक केंद्र खोले जाएंगे। 2017-18 में इसके तहत 50 अति पिछड़े जिले और 2018-19 में 65 अति पिछड़े जिलों में महिला शक्ति केंद्र खोलने की योजना है। यह साल योजना के लिए अहम होगा।
जानें सरकारी योजनाएं
महिलाओं के लिए चल रही सरकारी योजनाओं से उन्हें अवगत कराने और जागरूक करने के मकसद से नारी पोर्टल लांच किया गया है। www.nari.nic.in पर जाकर महिलाएं करीब 350 योजनाओं की जानकारी ले सकती हैं। इससे नारी सशक्तीकरण को बल मिलेगा।
वन स्टॉप सेंटर
हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए देश के 150 जिलों में वन स्टॉप सेंटर खोलने की घोषणा हो चुकी है। इन सेंटरों को महिला हेल्पलाइन से जोड़ा जाएगा, जर्हां हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे आपातकालीन सेवा मुहैया कराई जाएगी। इससे 2018 में महिला सुरक्षा पुख्ता होगी।
अपना हक पाएंगी मुस्लिम महिलाएं
एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैरकानूनी ठहराने वाला मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 पिछले साल 28 दिसंबर को लोकसभा में पारित हुआ। इस साल राज्यसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक के कानून की शक्ल ले लेने की पूरी संभावनाएं हैं। इससे 1,400 साल पुरानी प्रथा समाप्त हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया है। फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा। इसके लागू होने से एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी होगा। दोषी पति को तीन साल तक कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की। इसके तहत 2019 तक देश में पांच करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटने का लक्ष्य है। यह योजना तीन साल (2016-17, 2017-18 और 2018-19) के लिए प्रस्तावित है। यह कनेक्शन गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार की महिला को दिया जाना सुनिश्चित है।
इस योजना के तहत अभी तक 3.26 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। 712 जिलों में यह योजना है। इसका मकसद देश की महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले चूल्हे आदि के दुष्प्रभावों से उन्हें बचाना है। इस साल इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए अधिक बजट भी आवंटित होने की संभावनाएं हैं।
पैनिक बटन देगा सुरक्षा
महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने जनवरी, 2017 से देश में बिकने वाले सभी फीचर और स्मार्टफोन में पैनिक बटन देना अनिवार्य किया था। इसके लिए 2016 में सरकार ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए इसे मोबाइलों में देना अनिवार्य किया था। लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। अब केंद्र सरकार इस साल 26 जनवरी से उत्तर प्रदेश में इस योजना को ट्रायल के रूप में शुरू करने जा रही है। ट्रायल सफल होने पर दूसरे राज्यों में भी इसे शुरू किया जाएगा। फीचर फोन में 5 और 9 बटन को पैनिक बटन के रूप में विकसित किया जाना है। वहीं स्मार्टफोन निर्माताओं को पैनिक बटन के रूप में एक अलग बटन मुहैया कराना होगा।
महिलाएं संकट के समय पैनिक बटन से आपातकालीन नंबर पर तुरंत मदद मांग सकेंगी। इससे महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगेगी। कंपनियों को मोबाइल में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम भी अनिवार्य रूप से मुहैया कराना होगा। इससे पैनिक बटन दबाते ही महिलाओं की लोकेशन भी पुलिस और रिश्तेदारों तक पहुंच जाएगी।
बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का विस्तार
केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ योजना को देश के सभी जिलों में लागू करने की घोषणा की। 2015 में शुरू यह योजना पहले यह सिर्फ 161 जिलों में ही चल रही थी। योजना के लिए करीब 1132 करोड़ की राशि भी स्वीकृत कर दी गई है। पहले चरण में उन जिलों में यह योजना लागू की जाएगी, जहां शिशु लिंगानुपात दर (सीएसआर) काफी कम है। योजना के तहत 640 जिलों में अभियान चलाना भी प्रस्तावित है।
हॉस्टल होंगे उपलब्ध
सरकार देश में कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता करने के मकसद से उन्हें रहने और खाने की जगह उपलब्ध कराने के लिए 190 नए हॉस्टल खोलने की घोषणा कर चुकी है। इस वर्किंग वुमेन हॉस्टल योजना से 19 हजार कामकाजी महिलाएं लाभांवित होंगी।
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