महाराष्ट्र में महिलाओं ने मंत्रीजी को चप्पलों से धुना
मुंबई। महाराष्ट्र में दुष्कर्म की शिकार महिलाओं पर मंत्रीजी के भाषण ने 'जले पर नमक छिड़कने' जैसा काम किया। महिलाओं ने आव देखा न ताव बस, दे दनादन मंत्रीजी को चप्पलों से धुन डाला। घटना रविवार शाम की है। महाराष्ट्र के वॉटर सप्लाई मिनिस्टर एक लक्ष्मण ढोबले स्थानीय साहित्य सम्मेलन में भाषण दे रहे थे। एनसीपी पार्टी क
मुंबई। महाराष्ट्र में दुष्कर्म की शिकार महिलाओं पर मंत्रीजी के भाषण ने 'जले पर नमक छिड़कने' जैसा काम किया। महिलाओं ने आव देखा न ताव बस, दे दनादन मंत्रीजी को चप्पलों से धुन डाला।
घटना रविवार शाम की है। महाराष्ट्र के वॉटर सप्लाई मिनिस्टर एक लक्ष्मण ढोबले स्थानीय साहित्य सम्मेलन में भाषण दे रहे थे। एनसीपी पार्टी के ढोबले का बयान था कि बलात्कार और यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को बेवजह प्रदर्शन और आंदोलन करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। किसी दलित महिला पर बलात्कार हो, तो वह महिला अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर वकील-जज बनाए। इसके बाद ही उसे न्याय मिलेगा। बस मंत्रीजी के यह कहने भर की देर थी कि महिलाओं का गुस्सा सांतवें आसमान पर पहुंच गया।
मंत्री महोदय नागपुर में आयोजित चौथे राज्यस्तरीय 'अन्ना भाऊ साठे साहित्य सम्मेलन' में प्रवचननुमा भाषण दे रहे थे। शुरुआत में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पिछड़े वर्गो के लिए रखी गई 4,430 करोड़ के बजट की राशि दलित कार्यकर्ता अपनी-अपनी जातियों को दिलाने में जुटे रहते हैं।
-चप्पल जूतों की बारिश
इसके बाद उन्होंने बलात्कार की शिकार महिलाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोर्चे निकालने से कुछ हासिल नहीं होता। उनके इस बयान से लोग नाराज हो गए। महिलाओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। फिर देखते ही देखते मंत्री पर चप्पलें बरसने लगीं। वहां मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि एक व्यक्ति ने मंत्रीजी के गाल पर तमाजा जड़ने का भी प्रयास किया।
इसके बाद अपनी झेंप मिटाने के लिए मंत्रीजी पिटाई की बात से मुकर गए। उन्होंने कहा मेरी पिटाई नहीं हुई, बस कुछ अराजक लोगों ने मेरे खिलाफ नारे लगाए थे। मेरे समर्थकों ने उन्हें मेरी तरफ से जवाब दे दिया। इससे पहले भी जनवरी में सतारा जिले में पुरुषों द्वारा एक दलित महिला को निर्वस्त्र घुमाने की घटना पर विवादास्पद बयान देकर मंत्रीजी फंस चुके हैं।
-इधर फिसली जुबान, उधर चली चप्पलें
वैसे अपने देश में मंत्रियों की जुबान फिसलने पर उनकी पिटाई होना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई मंत्रियों की जुबान फिसलने पर जनता चप्पलों से उनका स्वागत कर चुकी है। नई दिल्ली।
एक बार कर्नाटक के एक वरिष्ठ मंत्री की उन्हीं की पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अति सुरक्षा वाले राज्य सचिवालय में सरेआम चप्पल से पिटाई की थी। बताया जाता है कि यह कार्यकर्ता उसे राज्य संचालित किसी निगम या बोर्ड का प्रमुख बनाने में मंत्री द्वारा मदद नहीं किए जाने से नाराज था। राज्य के आवास मंत्री वी.सोमण्णा जैसे ही विधान सौध स्थित अपने कक्ष से बाहर निकले, बी. एस. प्रसाद नाम के कार्यकर्ता ने उन्हें चप्पल दे मारी।
कश्मीर में सेना के जवानों ने वर्ष 2002 में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंथा चौक के समीप राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री बशीर अहमद नेंगरू और उनके पुत्र की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी।
वहीं पिछले साज राजधानी दिल्ली में आयोजित एक समारोह से बाहर निकलते समय केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को एक सिरफिरे युवक ने सरेआम जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था। थप्पड़ मारने वाले शख्स का नाम हरविंदर है और वह दिल्ली के रोहिणी इलाके का रहने वाला है। जैसे ही शरद पवार एक समारोह से बाहर निकले तभी वहा ताक में बैठे युवक हरविंदर ने मीडिया को हटाते हुए शरद पवार को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद वहा मौजूद मीडिया के लोगों ने युवक को पकड़ लिया लेकिन हरविंदर ने इस दौरान चाकू निकाल लिया और हवा में लहराने लगा। आरोपी मानसिक रूप से बीमार बताया गया था। आपको बता दें कि यह वही शख्स है जिसने कोर्ट के बाहर पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम पर भी हमला किया था। इस घटना के बाद शरद पवार को अपना सिर छिपाने के लिए कहना पड़ा था कि इसे गंभीरता से न लिया जाए, मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ। बावजूद इसके केंद्रीय कृषि मंत्री के नजदीक एक हमलावर का पहुंच जाना कई सवाल खड़े कर देता है।
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