हनीट्रैप से जुड़ी महिलाओं का दोस्ती और दुश्मनी में भी किया गया उपयोग, जांच में खुलासा
हनीट्रैप गिरोह की महिलाओं का उपयोग दोस्ती और दुश्मनी निभाने में भी किया जाता था। राजनेता नौकरशाह और बड़े व्यापारी इन महिलाओं को दुश्मनों के पास भेजते थे।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। हनीट्रैप गिरोह की महिलाओं का उपयोग दोस्ती और दुश्मनी निभाने में भी किया जाता था। राजनेता, वरिष्ठ नौकरशाह और बड़े व्यापारी इन महिलाओं को अपने दुश्मनों के पास भेजते थे। पुलिस पूछताछ में महिलाओं ने यह जानकारी दी है।
मोटी रकम ऐंठकर भी वीडियो क्लिप रखती थीं सुरक्षित
सूत्रों के मुताबिक, शिकार के फंसने के बाद आरोपित महिलाएं उनसे मोटी रकम ऐंठकर उनके सामने ही आपत्तिजनक वीडियो डिलीट करने का नाटक करती थीं। असल में महिलाएं वीडियो क्लिप उन अफसरों को दे देती थीं, जो उन्हें अपने दुश्मनों के पास भेजते थे। साथ ही अपने पास भी वीडियो क्लिप सुरक्षित रखती थीं। उस वीडियो का दोबारा उपयोग फिर कोई काम निकालने के लिए करती थीं। उधर, इंदौर पुलिस हनीट्रैप में शामिल महिलाओं से बरामद हुए मोबाइलों के कॉल डिटेल खंगाल रही है। पुलिस करीब 200 मोबाइल नंबरों की पहचान कर उनकी जांच कर रही है। इन नंबरों की जानकारी निकाली जा रही है।
आइएएस के साथ होटल में पकड़ी गई थी
बताया गया है कि जब राष्ट्रीय स्तर के एक नेता भोपाल आए थे तब पुलिस सभी होटलों की जांच कर रही थी। इसी दौरान हनीट्रैप में शामिल एक महिला एक आइएएस अफसर के साथ भोपाल के लालघाटी स्थित एक होटल में पकड़ी गई थी। वह आइएएस एकजिले का कलेक्टर था। उन्हें पहचानते ही थाना प्रभारी चला गया था।
कलेक्टर की पत्नी ने रंगे हाथों पकड़ा था
सागर में करीब आठ साल पहले श्वेता जैन भाजपा नेत्री के रूप में सक्रिय रही थी। करीब 5-6 साल पहले एमएमएस वायरल होने के बाद से वह भोपाल आ गई थी। एक चर्चित मामला कलेक्टर के साथ पकड़े जाने का रहा। कलेक्टर की पत्नी ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ा था, जिसके बाद कलेक्टर ने अपना तबादला करा लिया था।
श्वेता ने 2013 के चुनाव के दौरान सागर विधानसभा सीट से भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिला। श्वेता ने वन विभाग में बुंदेलखंड पैकेज के तहत करोड़ों के काम लिए थे। इनमें आधे-अधूरे काम कर अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव डलवाकर पूरा भुगतान करवा लिया। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग में 2010 के आसपास आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी काम लिया। उद्योग विभाग के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार योजना के लोन के मामले में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम हथियाए थे।
खेती कर गुजारा करता है मोनिका का परिवार
हनीट्रैप मामले में पकड़ी गई मोनिका यादव मूल रूप से नरसिंहगढ़ के सवास्या गांव की रहने वाली है। उसके पिता किसान हैं, जिनके पास 5-6 बीघा जमीन है। इसी जमीन पर पूरा परिवार निर्भर है। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। बीएससी की पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मोनिका करीब दो साल पहले भोपाल चली गई थी। उसकी पढ़ाई का खर्च भी परिजन उठा रहे थे। इसी बीच भोपाल में रहते मोनिका की मुलाकात आरती दयाल से हुई थी। उधर, इंदौर क्राइम ब्रांच टीम ने शनिवार को आरती दयाल के छतरपुर स्थित घर पर दबिश दी। सूत्रों का कहना है कि यहां से कुछ अहम जानकारियां जुटाई गईं हैं।