दूसरी शादी कर निकाह हलाला का बनाया दबाव, महिला ने बांबे HC में दायर की याचिका
पीड़िता के पति ने दूसरी शादी कर ली और अब वह उसे शरीयत के तहत निकाह हलाला करने का दबाव डाल रहा है ताकि उसे किसी तरह का मासिक रखरखाव ना देना पड़े।
मुंबई (एएनआई)। मुंबई के नालासोपारा की एक ट्रिपल तलाक पीड़िता ने बांबे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में उसने मुस्लिम समुदाय से ट्रिपल तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह को खत्म करने की मांग की है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, महिला की शादी बांद्रा के एक निवासी से 2009 में हुई थी।
शादी के 2 माह बाद ही परेशान करना शुरु किया
लेकिन शादी के 2 महीने के बाद ही उसके ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित करना शुरु कर दिया। उसने यह भी कहा कि उसके ससुर ने उसे काफी तंग किया और कई मौकों पर उसने उसका यौन शोषण करने की भी कोशिश की।
2000 का ड्राफ्ट देकर दिया तलाक
2012 में पीड़िता के पति ने उसे 2000 रूपये का ड्राफ्ट देकर उसे तलाक दे दिया। पीड़िता ने परिवार ने अदालत में अपराध दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत रखरखाव की राशि बढ़ाने के लिए एक याचिका दायर की, जिसके बाद कोर्ट ने उसके पति को मासिक रूप से 4000 रूपये की राशि देने का आदेश दिया।
दूसरी शादी कर निकाह हलाला का बना रहा दबाव
उसी समय पीड़िता के पति ने दूसरी शादी कर ली और अब वह उसे शरीयत के तहत निकाह हलाला करने का दबाव डाल रहा है ताकि उसे किसी तरह का मासिक रखरखाव ना देना पड़े। याचिकाकर्ता ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) और भारतीय संविधान के धारा 14, 15, 21 और 25 के तहत इसे मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने को कहा। उसने अदालत से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न वर्गों के तहत ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला को दंडनीय अपराध घोषित करने को भी कहा।
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