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केरल में महिलाओं के लिए गठित होंगी विशेष अदालतें, न्याय मिलने में नहीं होगी देरी

केरल सरकार महिला अपराधों की सुनवाई के लिए अलग से अदालतों के गठन की योजना की है ताकि उन्हें जल्द न्याय मिल सके। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा राज्य सरकार महिला अपराधों की सुनवाई के लिए अलग से अदालत गठित करने पर विचार कर रही है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 07:40 AM (IST)
केरल में महिलाओं के लिए गठित होंगी विशेष अदालतें, न्याय मिलने में नहीं होगी देरी
केरल में महिलाओं के लिए गठित होंगी विशेष अदालतें, न्याय मिलने में नहीं होगी देरी

तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। केरल सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने महिला अपराधों की सुनवाई के लिए अलग से अदालतों के गठन की योजना की है, ताकि उन्हें जल्द न्याय मिल सके। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, 'राज्य सरकार महिला अपराधों की सुनवाई के लिए अलग से अदालत गठित करने पर विचार कर रही है। हम घरेलू हिंसा रोकने के लिए वार्ड स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना कर रहे हैं।'

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गृह विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का आनलाइन उद्घाटन करते हुए विजयन ने कहा कि वर्ष 2018 की बाढ़ में पूरी तरह तबाह हो चुके रामनकार्य व एडाथुआ थाना भवनों को फिर से तैयार किया गया है। इन थानों में रीडिंग रूम, बच्चों के लिए अलग से कमरा, स्तनपान कक्ष और ट्रांसजेंडर के लिए विशेष कमरे की व्यवस्था है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों केरल महिला आयोग की अध्यक्ष को अपने एक विवादित बयान का खामियाजा भुगतना पड़ा। दरअसल, अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया था। 'तो भुगतो' के उनके बयान के कारण उन्हें विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा रहा था। दरअसल, एक टीवी प्रोग्राम के दौरान घरेलू हिंसा पीड़ित को फोन पर महिला आयोग की अध्यक्ष एमसी जोसफिन ( MC Josephine) ने फोन पर ऐसा कहा था। हालांकि, अपने विवादित बयान को लेकर आयोग की अध्यक्ष ने इनकार किया था।

उन्होंने कहा था कि घरेलू हिंसा का सामना कर रही महिला के चुप रहने को लेकर वो नाराज थीं। इसके लिए उन्होंने माफीनामा भी जारी किया और कहा कि यदि महिला शिकायत दर्ज कराती है, तो उन्हें न्याय मिलेगा। जोसिफिन के खिलाफ राज्य में कांग्रेस ने प्रदर्शन भी किया था।

अध्यक्ष ने मलयालम टीवी कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान दिया था। फोन पर जब एक महिला ने अपनी समस्या सुनाई और कहा कि पति और सास उनके साथ मारपीट करते हैं, तब इसका समाधान करने के बजाय महिला आयोग की प्रमुख ने कहा, 'तो तुम भुगतो, ठीक है।' महिला ने जानकारी दी थी कि उन्होंने अपने साथ हो रही इस प्रताड़ना के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई। साथ ही इसके बारे में किसी को सूचित भी नहीं किया।


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