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लोग जिसे समझते थे पागल, वह 30 साल पहले लापता हुआ फतेहपुर के जमीदार का बेटा निकला

भोपाल के परवलिया सड़क थाने की पुलिस ने पेश किया मानवीय संवेदना का अनुकरणीय उदाहरण। स्वजनों को बेटे के सकुशल होने की बात पता चली तो उनकी आंखें भर आई। वे लोग तत्काल फतेहपुर से भोपाल के रवाना हुए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 07:54 AM (IST)
लोग जिसे समझते थे पागल, वह 30 साल पहले लापता हुआ फतेहपुर के जमीदार का बेटा निकला
शुक्रवार रात को उसे साथ लेकर घर के लिए रवाना।(फोटो: दैनिक जागरण)

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित परवलिया सड़क थाना की पुलिस ने मानवीय संवेदना का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। इलाके में विक्षिप्तों की तरह घूमने वाले एक अधेड़ व्यक्ति से प्रेमपूर्वक बात की तो पता चला कि वह फतेहपुर ([उत्तर प्रदेश)] का रहने वाला है। पुलिस ने वहां के थाने से संपर्क किया तो पता चला कि यह 12 वषर्ष की उम्र में घर से लापता हो गया था। स्वजनों को बेटे के सकुशल होने की बात पता चली तो उनकी आंखें भर आई। वे लोग तत्काल फतेहपुर से भोपाल के रवाना हुए और शुक्रवार रात को उसे साथ लेकर घर के लिए रवाना हो गए।

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परवलिया सड़क थाना प्रभारी गिरीश त्रिपाठी ने बताया कि क्षेत्र में कई दिनों से एक अधेड़ व्यक्ति घूम रहा था। वह दूसरों पर आश्रित था। कभी--कभार किसी होटल में बर्तन आदि धो देता था। शुक्रवार दोपहर में डायल-100 उसे थाने लेकर आई। बिखरे बाल, ब़़ढी हुई दाढ़ी वाले शख्स से उसका पता पूछा तो उसने नाम कमलेश बताते हुए खुद को फतेहपुर का रहने का पता बताया। उत्तर प्रदेश की बोली बोलने पर थाने के पास रहने वाले उत्तर प्रदेश निवासी एक व्यक्ति को थाने बुलाया गया। संयोग से वह भी फतेहपुर का मूल निवासी निकला। उसने कमलेश से गांव की भाषषा में बात की कर उससे पूरी जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने उप्र के फतेहपुर थाने में संपर्क कर कमलेश के परिवार वालों के बारे में जानकारी लेने को कहा।

कुछ देर में फतेहपुर थाने से पता चला कि कमलेश यादव नाम का बच्चा ग्राम सुकेती, थाना गाजीपुर, जिला फतेहपुर से 12 वर्ष की उम्र में घर से लापता हुआ था। वहां की पुलिस ने कमलेश के भाई जगतपाल यादव का संपर्क का नंबर भी भोपाल पुलिस को दिया। पेशे से क्षेत्र के संपन्न किसान जगतपाल को भोपाल पुलिस ने पूरी कहानी बताई। स्वजनों से बात होते ही कमलेश की आंखों में भी अतीत की यादें ताजा हो गई। भाई जगतपाल वहां से सड़क मार्ग से परवलिया स़़डक थाने पहुंचे और बिछु़़डे भाई से लिपट गए। रात में कमलेश को लेकर वह घर के लिए रवाना हो गए। कमलेश के परिवार में माता--पिता के अलावा दो भाई और एक बहन हैं।

देवास में समय गुजारा

प्रेमपूर्ण व्यवहार मिलने पर कमलेश की जैसे स्मृति लौट आई। उसने पुलिस को बताया कि वह गांव से अपने एक दोस्त के साथ बिना किसी को कुछ बताए मप्र के देवास आ गया था। देवास में उन्होंने कुछ फैक्टि्रयों में काम भी किया। वक्त की ठोकरें खाते--खाते कमलेश की मानसिक स्थिति धीरे--धीरे कमजोर होती गई। इस बीच भटकते हुए वह भोपाल पहुंच गया।


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