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डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को लेकर दी चेतावनी, कहा- लंबे समय तक बना रह सकता है वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वरिष्ठ अधिकारी पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप बहुत लंबे समय तक बना रह सकता है। ऐसी स्थिति पर पहुंचने की आवश्यकता है जहां हमारा वायरस पर पूरा नियंत्रण हो न कि वायरस का हम पर नियंत्रण हो।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 07:48 PM (IST)
देश स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए वैश्विक महामारी से सबक लें

नई दिल्ली, प्रेट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वरिष्ठ अधिकारी पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप बहुत लंबे समय तक बना रह सकता है। टीकाकरण के साथ ही पहले हुए संक्रमण के जरिये किसी समुदाय में विकसित हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता तय करेगी कि यह वैश्विक महामारी लंबे समय में सीमित जगह या सीमित समय पर होने वाला संक्रमण बनेगी या नहीं।

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वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने का अवसर दिया

डब्ल्यूएचओ में दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि ऐसी स्थिति पर पहुंचने की आवश्यकता है, जहां 'हमारा वायरस पर पूरा नियंत्रण हो, न कि वायरस का हम पर नियंत्रण हो।' उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने का 'सदी में एक बार मिलने वाला अवसर भी दिया है। अब समय आ गया है कि देश स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए वैश्विक महामारी से सबक लें।'

सिंह ने कहा कि जिन स्थानों पर अधिक आबादी पहले संक्रमित हो चुकी हो और जहां अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका हो, वहां भविष्य में लोगों के वायरस से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होने की संभावना होती है।उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस बहुत लंबे समय तक लोगों को संक्रमित कर सकता हैं। यह बात कई कारक तय करेंगे कि क्या वायरस दीर्घकाल में एक सीमित स्थान या सीमित समय में फैलने वाला संक्रमण बनेगा या नहीं। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक टीकाकरण या पहले हो चुके संक्रमण की वजह से विकसित होने वाली किसी समुदाय की रोग प्रतिरोधी क्षमता है।'

सिंह ने स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग (ईयूए) की अनुमति देने के बारे में कहा कि भारत बायोटेक ने डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए सूचीबद्ध (ईयूएल) टीकों में शामिल किए जाने का आग्रह किया है और तकनीकी विशेषज्ञ इसकी समीक्षा कर रहे है तथा 'हमें प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संबंध में फैसला होने की उम्मीद है।

बूस्टर डोज से कई देशों में टीके की कमी की आशंका जताई

'सिंह ने कम होती प्रतिरोधी क्षमता से निपटने में बूस्टर डोज की भूमिका पर कहा कि सभी देशों में संक्रमण एवं मौत के मामले उन लोगों में मुख्य रूप से सामने आ रहे हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज के इस्तेमाल से उन देशों में टीकों की आपूर्ति कम हो जाएगी, जहां लाखों-करोड़ों लोग अब भी पहली डोज दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'इसलिए डब्ल्यूएचओ ने 2021 के अंत तक कोरोना की बूस्टर डोज को कुछ समय के लिए टालने की अपील की है। इसका कारण यह है कि हर देश की कम से कम 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो सके। हमें यह याद रखना चाहिए कि जब तक सब सुरक्षित नहीं हैं, तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।

अभी ज्यादा लोगों पर संक्रमण का खतरा

सिंह ने कहा कि मौजूदा साक्ष्य दर्शाते हैं कि दुनिया भर में अब भी बहुत कम लोग सुरक्षित हैं और अधिकतर लोगों पर संक्रमण का खतरा है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ लोगों को अपने बचाव के लिए टीकाकरण कराने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने, कम हवादार स्थानों पर जाने से बचने, हाथ बार-बार साफ करने और श्वास संबंधी स्वच्छता अपनाने की सलाह देता है।


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