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डब्ल्यूएचओ ने कहा- दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना के मामलों के कम होने पर लापरवाही पड़ सकती है भारी

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि हाल के हफ्ते में नए मामलों में कमी को देखते हुए किसी भी तरह की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। इस क्षेत्र में अभी कोरोना के ज्यादा मामले हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 06:25 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 06:25 AM (IST)
डब्ल्यूएचओ ने कहा- दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना के मामलों के कम होने पर लापरवाही पड़ सकती है भारी
नए मामलों में कमी को देखते हुए किसी भी तरह की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए।

नई दिल्ली, एजेंसियां। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए किसी भी तरह की लापरवाही के प्रति चेताया है। संगठन का कहना है कि महामारी पर अभी काबू नहीं पाया जा सका है और ऐसे में इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें और मजबूती के साथ प्रयास करने की जरूरत है।

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खेत्रपाल सिंह ने कहा- महामारी को रोकने के लिए और बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है

डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि हाल के हफ्ते में नए मामलों में कमी को देखते हुए किसी भी तरह की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। इस क्षेत्र में अभी कोरोना के ज्यादा मामले हैं। हमें महामारी को रोकने के लिए और बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा- सर्दियों में महामारी का प्रकोप बढ़ सकता है

उन्होंने कहा कि अगर हमने सुरक्षा मानकों में किसी भी तरह की कमी की तो त्योहारी सीजन और आने वाली सर्दियों में महामारी का प्रकोप बढ़ सकता है। संक्रमण को रोकने के लिए हमारा प्रयास और भी मजबूती के साथ जारी रहना चाहिए।

वैक्सीन के समान वितरण पर साथ आए 184 देश

 डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने सोमवार को कहा कि अमीर और गरीब देशों के बीच कोरोना वैक्सीन के समान वितरण को लेकर दुनिया के 184 देश साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि अत्यधिक जोखिम वाले समुदायों की सुरक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था को तेजी के साथ पटरी पर लाने का सही तरीका वैक्सीन का समान वितरण ही है।

एशियाई देशों ने यूरोपीय देशों की तुलना में कोरोना को रोकने के लिए नियमों का अधिक पालन किया

वहीं, डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रमुख माइकल रेयान ने कहा कि यूरोपीय देशों की तुलना में एशिया के देशों और वहां के लोगों ने कोरोना को रोकने के लिए सुरक्षा के नियमों का उचित तरीके से पालन किया।

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति बोले- वैक्सीन के लिए जल्दबाजी न करें

कोरोना वैक्सीन पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो का अजीबो गरीब बयान आया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए जल्दबाजी न करें, पहले यह जांच लें कि वह हलाल है या नहीं।

इंडोनेशिया में 3.65 लाख कोरोना के मामले 

विडोडो का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि इंडोनेशिया में 3.65 लाख कोरोना के मामले आ चुके हैं और 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार को संक्रमण को काबू में करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

पहले देखें लें कि वैक्सीन हलाल है या हराम और इस्लाम उसकी अनुमति देता है या नहीं

इंडोनेशिया के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि नवंबर तक वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा सकती है, लेकिन राष्ट्रपति का नजरिया अलग है। वह लोगों से कह रहे हैं कि पहले यह देखें लें कि वैक्सीन हलाल है या हराम और इस्लाम उसकी अनुमति देता है या नहीं।


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