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जानिए कौन हैं सीबीआइ के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव, 10 खास बातें

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चिटफंड घोटाले की जांच करने वाले नागेश्वर राव को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 11:47 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 11:47 AM (IST)
जानिए कौन हैं सीबीआइ के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव, 10 खास बातें
जानिए कौन हैं सीबीआइ के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव, 10 खास बातें

नई दिल्‍ली, जेएनएन। सीबीआइ के चीफ आलोक वर्मा और स्‍पेशल डायरेक्‍टर राकेश अस्‍थाना के मचे घमासान के बीच ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को सीबीआइ का अंतरिम निदेशक बनाया गया है। अग्रिम आदेशों तक अब सीबीआइ का कामकाज नागेश्वर राव ही देखेंगे। आलोक वर्मा और राकेश अस्‍थाना को फोर्स लीव पर भेज दिया गया है। ऐसा लग रहा है कि दोनों अफसरों के बीच अभी खींचतान लंबी चलेगी।

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1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव की पहचान एक तेज-तर्रार अफसर की है। वह तेलंगाना के वारंगल जिले के रहने वाले हैं। आइए आपको बताते हैं नागेश्‍वर राव से जुड़ी 10 बड़ी बातें...!

1. नागेश्वर राव ओडिशा कैडर से 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।

2. नागेश्वर राव की पहली पोस्टिंग 1989-90 में ओडिशा के तलचर में उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के रूप में हुई थी, जहां उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। ओडिशा में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान ही उन्होंने अवैध खनन के लिए बदनाम तलचर में अपराध पर लगाम लगाकर पहचान बनाई।

3. ओडिशा के चार जिलों- मयूरभंज, नबरंगपुर, बरगढ़ और जगत्सिंहपुर में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में सेवा करने के अलावा, रेलवे राउरकेला तथा कटक में एसपी और क्राइम ब्रांच में एसपी के पद भी तैनात रहे।

4. कहा जाता है कि नरेश्वर राव ने मयूरभंज जिले में 'अपराध-पुलिस-अदालत-जेल-अपराध' के दुष्चक्र से लोढा (एक अधिसूचित आपराधिक जनजाति) को आजादी दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

5. वह 1996 में जगत्सिंहपुर जिले में दुष्‍कर्म के मामले की जांच करते समय डीएनए फिंगरप्रिंटिंग का उपयोग करनेवाले ओडिशा के पहले अधिकारी थे। 

6. नागेश्वर राव तब क्राइम ब्रांच में एसपी थे, जब 1991 की हूच त्रासदी में बेलु दास ने कटक में 200 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी।

7. नागेश्वर राव ने ओडिशा अग्नि सेवा के प्रमुख के रूप में भी कार्य किया। राव को चक्रवात फैलिन (2013) और हुदहुद (2014) के दौरान बेहतरीन काम के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया था।

8. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चिटफंड घोटाले की जांच करने वाले नागेश्वर राव को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। राव को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, असाधारण सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और ओडिशा के गवर्नर पदक दिया जा चुका है।

9. नागेश्वर राव तेलंगाना के वारंगल जिले के मंगपेट गांव से हैं। वह उस्मानिया विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में परास्नातक हैं। 1986 में आइपीएस में शामिल होने से पहले उन्होंने आईआईटी-मद्रास में अनुसंधान कार्य किया। IIT से शोध करने के दौरान वह सिविल की तैयारी भी कर रहे थे।

10. नागेश्वर राव को मणिपुर में विद्रोही गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भी जाना जाता है। यहां सीआरपीएफ के डीआइजी (ऑपरेशंस) के रूप में उन्होंने विद्रोहियों की कमर तोड़ दी।


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