भय्यू् जी महाराज की मौत के बाद आसान नहीं उनके 11 आश्रमों का संचालन, कौन करेगा ये सब
भय्यू महाराज के मौत के बाद सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के सामने देश में अलग-अलग स्थानों पर 11 आश्रम और 20 बड़ी योजनाओं का संचालन एक बड़ी चुनौती है।
इंदौर, जेएनएन। भय्यू महाराज के मौत के बाद उनकी हजारों करोड़ की सपत्ति होने के दावे किए जा रहे हैं। इन सबके बीच सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के सामने देश में अलग-अलग स्थानों पर 11 आश्रम और 20 बड़ी योजनाओं का संचालन एक बड़ी चुनौती है। ट्रस्ट की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की बात महाराज भी डेढ़ साल पहले स्वीकार चुके थे। ऐसे में उनके आत्महत्या के कदम ने हालत को और मुश्किल कर दिया है। वहीं दूसरी ओर संत भय्यू महाराज की मौत के बाद पुलिस ने पांच दिन के भीतर 15 से ज्यादा लोगों के बयान लिए लेकिन 'महाराज' से पर्दा नहीं उठा। महाराज से जुड़े लोगों ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं। पुलिस उन कुछ लोगों से पूछताछ करने में कतरा रही है जो भय्यू महाराज को लगातार कॉल कर रहे थे।
सबसे प्रमुख इंदौर का सूर्योदय आश्रम है
इसके अध्यक्ष महाराज के चचेरे भाई दिलीप देशमुख और सचिव तुषार पाटिल है। तुषार का कहना है इसका संचालन 11 ट्रस्टी मिलकर करते हैं। देशभर में 50 कैंपेन भी चलाए जा रहे है। ट्र्स्ट की बैलेंस शीट में कार्य अधिक मिलेंगे, जबकि खर्च कम दिखेंगे। इसके पीछे कारण है कि कई लोग सेवा के भाव से सहयोग देते हैं। तालब खुदाई के दौरान कई लोगों ने अपनी मशीनरी और वाहनों के इस्तमाल के लिए कोई शुल्क नहीं लिया तो उसे किस मद में डालें।
यहां आने वाले का रखा जाता है रिकॉर्ड
आश्रम आने वाले हर व्यक्ति का रिकॉर्ड रखा जाता था। उनकी रजिस्टर में एंट्री होती थी। मिलने वाले के लिए अलग-अलग व्यवस्था होती थी। सिर्फ दर्शन के लिए आए आमंत्रित, गर्भवती और ऊंचे ओहदे रखने वालों से महाराज जल्दी मुलाकात करते थे। अन्य कार्यों से आने वालों के लिए अपॉइंटमेंट व्यवस्था थी। लोगों की समस्या निवारण के लिए अनुकूलता के हिसाब से दिन भी तय किया जाता था।
आश्रम में 40 लोग करते हैं काम
इंदौर आश्रम पर करीब 40 लोग काम करते हैं। इनमें से 30 दैनिक वेतनभोगी हैं, जबकि 10 लोगों को वेतन दिया जाता है। कई लोग दो, चार, आठ, पंद्रह दिन और महीनेभर आश्रम पर सेवा देने भी अलग-अलग शहरों से आते हैं। देशभर के आश्रम और ट्रस्ट के स्थानों पर एक हजार से अधिक लोग सेवा देते हैं।
इन आश्रम का खर्च उठाना बड़ी चुनौती
-आदिवासी आश्रमशाला तरनोद (धार) में 150 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इनकी शिक्षण सामग्री, शिक्षकों की फीस, यूनिफॉर्म आदि का खर्च।
-पारदी समाज के निर्धन आदिवासियों के लिए जिला बुलढाना में संचालित सांगोला आश्रमशाला में 700 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इसका संचालन भी स्थानीय लोगों के सहयोग से अब तक हो रहा है।
-सोलापुर और उस्मानाबाद (महाराष्ट्र) में मुर्टा आश्रमशाला संचालित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन किसानों के 300 बच्चे रहकर शिक्षा ग्रहण करते हैं।
सामने आई जासूसी करवाने की बात
इस मामले में हुई पूछताछ की ही बात करें तो सीएसपी ने डॉ. आयुषी से तो मंगलवार रात ही पूछताछ पूरी कर ली, जबकि कुहू के बयान 5 दिन बाद बयान लिए गए। पत्नी और बेटी के बीच चल रही खींचतान में भय्यू महाराज इस तरह फंस गए थे कि उनके अपने ही उनकी जासूसी कराने लगे थे। बेटी इस बात का पता लगाने जुटी रहती थी कि पिता दूसरी पत्नी के लिए क्या कर रहे हैं, जबकि दूसरी पत्नी का ध्यान बेटी से होने वाले वार्तालाप पर लगा रहता था। सूचना नहीं देने पर दोनों ही नौकर और सेवादारों को धमकाकर दबाव बनाती थीं।
सेवादारों के बयान
यह खुलासा भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) के नौकर और सेवादारों के बयानों से हुआ। जांच में शामिल अफसर के मुताबिक उन्होंने नौकर गोलू उर्फ गोल्डू, नौकरानी सरोज सोलंकी और कर्मचारी योगेश, प्रवीण आदि के बयान लिए तो उन्होंने पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के बीच चल रही लड़ाई के बारे में खुलकर बताया। एक कर्मचारी ने कहा कि आयुषी भय्यू महाराज के साथ रहने वाले ड्राइवर शरद सेवलकर और सेवादार शेखर शर्मा (पंडित) को बार-बार कॉल करती थीं। उनसे यह भी पूछताछ करती थी कि कुहू से महाराज की कब और क्या बात हुई थी। उधर, कुहू विनायक दुधाले के लगातार संपर्क में रहती थी। वह उनके जरिए यह पता लगाती रहती थी कि महाराज आयुषी के साथ कहां घूमने गए और उनके माता-पिता के लिए क्या कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक मौत के पहले दिन (सोमवार) महाराज पुणे के लिए रवाना हुए, तब भी आयुषी कॉल कर रही थीं।
कुहू की जल्द शादी करना चाहते थे भय्यू महाराज
भय्यू महाराज सुसाइड केस में पुलिस शुक्रवार देर रात तक उनकी बेटी कुहू और सेवादार विनायक दुधाले से पूछताछ करती रही। कुहू ने बयान में बताया कि पिता उसकी जल्द शादी कर देना चाहते थे। उसके लिए लड़का ढूंढ रहे थे, लेकिन उसने शादी से इंकार कर दिया और कहा कि वह अभी छोटी है और पढ़ना चाहती है। हालांकि, इस बार कुहू के बयानों में वह तल्खी नहीं थी जो मंगलवार शाम तक देखने को मिल रही थी लेकिन इशारों-इशारों में उसने आयुषी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। एसपी अवधेश गोस्वामी के मुताबिक कुहू ने कहा कि वह पिता की दूसरी शादी के पक्ष में नहीं थी। उसने न आयुषी को कभी अपनी मां माना, न ही उससे कभी बातचीत की। उसने यह भी बताया कि महाराज की शादी के कुछ दिन बाद आयुषी से विवाद हुआ और घर में तस्वीरें फेंक दी। इन घटनाओं की वजह से पिता तनाव में थे।