जज साहब, कहां चले गए आप?
जज साहब, कहां चले गए आप? मुझे आपको आपके इस काम के लिये थैंक्यू कहना है। 30 साल के संघर्ष के बाद जो फैसला आपने सुनाया है, उसका एक थैंक्यू तो बनता ही है। जब तक जज साहब नहीं, आएंगे मैं अदालत से नहीं जाऊंगी। ये बातें दिल्ली कैंट सिख दंगा मामले में शिकायतकर्ता 60 वर्षीय जगदीश कौर ने अदालत में फैसल
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जज साहब, कहां चले गए आप? मुझे आपको आपके इस काम के लिये थैंक्यू कहना है। 30 साल के संघर्ष के बाद जो फैसला आपने सुनाया है, उसका एक थैंक्यू तो बनता ही है। जब तक जज साहब नहीं, आएंगे मैं अदालत से नहीं जाऊंगी।
ये बातें दिल्ली कैंट सिख दंगा मामले में शिकायतकर्ता 60 वर्षीय जगदीश कौर ने अदालत में फैसला सुनने के बाद रोते हुए कही।
अदालत ने जब अपना फैसला सुनाया तो जगदीश कौर सन्न रह गई। वह एकदम से अपनी कुर्सी पर गिर गई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेआर आर्यन फैसला सुनाकर अपने चैंबर में चले गए। अदालत में मीडियाकर्मियों की भीड़ थी, हर कोई जगदीश कौर से बात कर रहा था, मगर जगदीश कौर कुछ नहीं बोल सकी। उसकी आंखों में आंसू आ गए। अदालती फैसले के करीब पंद्रह मिनट बाद अदालत कक्ष जब लगभग खाली हो गया तो जगदीश कौर अचानक उठी और जोर-जोर से रोते हुए जज को बुलाने की मांग करने लगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर