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हाई कोर्ट ने माल्या से पूछा, कब लौटेंगे और कानूनी प्रक्रिया का सामना करेंगे?

माल्या के वकील अमित देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल को भगोड़ा घोषित कर उनकी संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति देने से सिर्फ कर्जदारों के हितों को ही नुकसान होगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 09:15 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 09:15 PM (IST)
हाई कोर्ट ने माल्या से पूछा, कब लौटेंगे और कानूनी प्रक्रिया का सामना करेंगे?

मुंबई, प्रेट्र। बांबे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से पूछा कि वह कब भारत लौटेंगे और उनके खिलाफ जारी कानूनी प्रक्रिया का सामना करेंगे? जस्टिस इंद्रजीत महंती और सारंग कोतवाल की खंडपीठ निचली अदालत के पांच जनवरी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। निचली अदालत ने माल्या को नए बने 'भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम' (एफईओए) के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया था।

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माल्या के वकील अमित देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल को भगोड़ा घोषित कर उनकी संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति देने से सिर्फ कर्जदारों के हितों को ही नुकसान होगा। उन्होंने स्वेच्छा से बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने की पेशकश की है। देसाई ने एफईओए को 'कठोर' करार दिया। उन्होंने कहा, 'प्रथमदृष्टया यह (भगोड़े का दर्जा) असंवैधानिक है... यह केंद्र को हर चीज जब्त करने का अधिकार देता है भले ही संपत्ति को अपराध की प्रक्रिया से खरीदा गया हो अथवा नहीं।' इस पर जज ने कहा, 'लेकिन जैसे ही आपका मुवक्किल लौट आएगा और कानूनी प्रक्रिया का सामना करेगा, यह दर्जा भी खत्म हो जाएगा। संपत्ति भी रिलीज कर दी जाएगी.. तो बताइए यह कब हो रहा है?'

जवाब में देसाई ने कहा कि माल्या तो लौटना चाहते हैं, लेकिन ब्रिटिश अदालत ने उन्हें बिना अनुमति ब्रिटेन छोड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है। इस पर पीठ ने कहा कि ब्रिटिश अदालत का आदेश तो सिर्फ प्रोटेक्टिव है क्योंकि माल्या ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया को चुनौती दी हुई है। अदालत ने देसाई से पूछा, 'आप स्वेच्छा से लौट सकते हैं। क्या आप कभी उस ब्रिटिश कोर्ट में गए और कहा कि आप लौटना (भारत) चाहते हैं और कानूनी प्रक्रिया का सामना करना चाहते हैं?' मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।


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