Handwara Encounter: जब आतंकी ने उठाया कर्नल की पत्नी का फोन, कहा- अस्सलाम वालेकुम, जानें फिर क्या हुआ
हंदवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान एक ब्रिगेडियर और एक कर्नल की पत्नी ने रात को जब फोन किया तब आतंकी ने फोन उठाया और कहा अस्सलाम वालेकुम।
नवीन नवाज, श्रीनगर। हंदवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर, दो अन्य सैन्यकर्मियों और पुलिस सब इंस्पेक्टर का साथियों संग संपर्क टूट गया था। वह मकान के भीतर फायरिंग कर रहे आतंकियों से लड़ रहे थे। न कोई रेडियो सेट चल रहा था और न फोन। रात करीब साढ़े ग्यारह बजे कर्नल का फोन उठा। बताया जा रहा है कि कर्नल शर्मा का फोन आतंकियों ने उठा लिया था। फोन का की-पैड लाक होने के कारण आतंकी उसे खोल नहीं पाए। इस दौरान एक ब्रिगेडियर और कर्नल की पत्नी नेरात को जब फोन किया तो आतंकी ने कहा, 'अस्सलाम वालेकुम।' आतंकी की आवाज सुनने के बाद यह समझ में आया कि कर्नल शर्मा जख्मी हैं या फिर शहीद हो चुके हैं।
हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना, पहले भी मोड़ चुका हूं तूफानों का रुख
हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना, पहले भी कई बार तूफानों का रुख मोड़ चुका हूं। यह सिर्फ वाट्सएप स्टेटस नहीं है, यह शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के व्यक्तित्व का सार है। दो बार सेना मैडल से सम्मानित यह योद्धा छह माह से शायद ही किसी दिन आराम से सोया होगा। जब सोया तो हंदवाड़ा को फिर से आतंकवाद का गढ़ बना रहे हैदर से लोगों को छुटकारा दिलाने के साथ।
बीते पांच सालों में किसी मुठभेड़ में कर्नल के शहीद होने की यह पहली घटना है। वर्ष 2015 में दक्षिण कश्मीर के त्राल एक हिज्ब आतंकी आबिद खान को मार गिराने के अभियान में कर्नल एमएन राय शहीद हुए थे।
कर्नल आशुतोष शर्मा सहित ये जवान हुए शहीद
शहीदों में कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक दिनेश, नायक राजेश और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के सब इंस्पेक्टर एस काजी पठान शामिल हैं। वर्ष 2020 में कश्मीर में किसी आतंकरोधी अभियान में सुरक्षाबलों के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी हानि है। मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तानी बताए जाते हैं। उनकी पहचान नहीं हो पाई है। कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही सेना की 21 आरआर ने बीते दो दशकों के दौरान किसी आतंकरोधी अभियान या आतंकी हमले में दूसरी बार अपने कर्नल रैंक के अधिकारी को गंवाया है।
राजवार के जंगलों में बीते कुछ दिन से सक्रिय थे आतंकी
यह मुठभेड़ हंदवाड़ा के छंजमुला गांव में शनिवार शाम को करीब पौने चार बजे शुरू हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि लश्कर के आतंकियों का एक दल बीते कुछ दिनों से राजवार के जंगलों में देखा जा रहा था। इनमें लश्कर का नामी डिविजनल कमांडर हैदर भी है। सूत्रों की मानें तो हैदर एलओसी पार से आने वाले आतंकियों के एक नए दस्ते को रसीव करने के लिए ही अपने साथियों संग इस इलाके में आया था। अलबत्ता, सुरक्षा एजेंसियों ने इस तथ्य की पुष्टि नहीं की है।
आतंकियों के इस दल को पकड़ने के लिए शुक्रवार को सेना की 15 आरआर, 21 आरआर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने एक अभियान चलाया था। नागनी जंगल में गत देर शाम गए आतंकियों और जवानों के बीच मुठभेड़ भी हुई, लेकिन आतंकी घेराबंदी तोड़ भाग निकले। इस बीच सेना की 9 पैरा के जवानों का एक दस्ता भी अभियान में शामिल किया गया ।
छंजमुला गांव में हुई मुठभेड़
इस बारे में अधिकारियों ने बताया कि शनिवार सुबह भी सुरक्षाबलों ने एक जगह आतंकियों को घेरा था, लेकिन संक्षिप्त मुठभेड़ के दौरान वह एक बार फिर घेराबंदी तोड़ भाग निकले थे। दोपहर तीन बजे के करीब सुरक्षाबलों को पता चला कि आतंकी भागते हुए छंजमुला गांव में पहुंचे हैं। उन्होंने वहां एक मकान में शरण ले ली। सुरक्षाबलों ने उसी समय छंजमुला को घेरते हुए तलाशी अभियान चलाया।
आतंकी एक मकान के बाहरी हिस्से में बने गौखाने के पास थे। शनिवार शाम पौने चार बजे मुठभेड़ शुरू हो गई और करीब साढ़े पांच बजे के करीब आतंकियों की तरफ गोलीबारी बंद हुई। इस दौरान एक आतंकी मारा गया और उसका शव बाहर पड़ा था। गौखाना और मकान का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त था। छंजमुला उस जगह से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जहां शुक्रवार की शाम को पहली मुठभेड़ हुई थी।
मुठभेड़ स्थल की तलाशी के दौरान जवान हुए शहीद
करीब एक घंटे तक आतंकियों की तरफ से जब कोई गोली नहीं चली तो उन्हें मरा समझ,जवानों ने मुठभेड़ स्थल की तलाशी शुरू कर दी। इसी दौरान एक कर्नल, एक मेजर, दो सैनिक, जम्मू कश्मीर पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर काजी मकान के भीतर दाखिल हुए। मुठभेड़ के दौरान गौखाने से बच निकले आतंकियों में से कुछ इसी मकान में और कुछ दूसरे मकान में छिप गए थे। इन आतंकियों ने कमरे में कर्नल व अन्य सुरक्षाधिकारियों को देखते हुए उन्हें घेर लिया। इसके बाद कमरे के भीतर ओर बाहर से गोलियों की आवाज गूंजने लगी।
देर रात तक होती रही गोलीबारी
कर्नल, मेजर और सब इंस्पेक्टर का अन्य साथियों से संपर्क कट गया। अंधेरा होने के साथ ही मौसम भी बिगड़ गया। देर रात गए तक दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी होती रही। आज सुबह जब मुठभेड़ समाप्त हुई तो वहां पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके थे। दो आतंकियों के शव भी मिले।