COVID-19: यदि कोरोना वायरस का टेस्ट पॉजिटिव आए तो क्या करें और क्या न करें
Coronavirus न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार ऐसी स्थिति में घबराने की नहीं बल्कि संयम और समझदारी से काम लेने की जरूरत है।
नई दिल्ली। Coronavirus: कोरोना वायरस के दुनिया भर में फैल जाने से दशहत का माहौल है। लेकिन अधिकांश मामलों में हल्के-फुल्के या सामान्य लक्षण होते हैं, जिनमें अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार ऐसी स्थिति में घबराने की नहीं, बल्कि संयम और समझदारी से काम लेने की जरूरत है। आइए, जानते हैं कि यदि कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका हो या टेस्ट पॉजिटिव आए तो क्या करें और क्या न करें:
संक्रमण का शक हो तो क्या करें
- सुरक्षित रखना होता है। इसलिए पहले ही फोन करें
- आप परामर्श के लिए इमरजेंसी रूम को भी फोन कर सकते हैं
- अस्पतालों में कोरोना संक्रमित रोगियों की देखभाल की एक व्यवस्था है
- यदि आप में फ्लू जैसे लक्षण हों तो बीमार मानकर एहतियात बरतें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें
इमरजेंसी रूम जाने से पहले ये जानें
- इमरजेंसी रूम रोगियों से भरा रहता है। डॉक्टर व्यस्त होते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि क्या वाकई आपको इसकी जरूरत है?
- इमरजेंसी रूम में जाने से खुद से सवाल करें कि सामान्य स्थिति में कफ या बुखार होने पर क्या आप इमरजेंसी में जाते? संभवत: इसका जवाब होगा- ना। क्योंकि कफ, बुखार, गले खराब होना और नाक बहने की स्थिति अतीत में शायद ही इमरजेंसी वाली रही हो।
- यदि ये लक्षण कोरोना वायरस के भी हों, तो भी अधिकांश मामले में यह इमरजेंसी का केस नहीं होता है। पहले अपने डॉक्टर को बुलाए।
ज्यादा जोखिम वाले मरीजों की देखभाल
- ह्रदय, किडनी, मधुमेह तथा कैंसर के रोगी भी इस श्रेणी में आते हैं।
- डॉक्टर आपकी हालत देख कर परामर्श देंगे कि कहां और कैसा इलाज चाहिए।
- ज्यादा जोखिम वाले रोगी लक्षण प्रकट होने के बाद अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- ज्यादा जोखिम वाले रोगी वे होते हैं, जो अस्थमा या फेफड़े की बीमारी से पीड़ित हों या जिन्हें पहले निमोनिया हुआ हो।
क्या विशेष एहतियात बरतें
- रोगी अलग रूम में रहें। अन्य से संपर्क ना के बराबर रखें। पालतू जानवर के संपर्क में भी आने से बचें।
- संभव हो तो अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें। यदि बाथरूम साझा हो तो रोगी के इस्तेमाल करने के बाद सैनिटाइज करें।
- रोगी को खाना दरवाजे पर ही रख कर दें।
- रोगी तथा देखभाल करने वाले मास्क का इस्तेमाल करें।
- बीमार के साथ खाना, तौलिया या बिस्तर साझा न करें।
- घर में कॉमन जगह को खुला रखें तथा हवा आने की व्यवस्था करें। इसके लिए खिड़की खोल कर रखें या एयर-कंडीशनर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जब रोगी घर पर हो तो कैसे रखें सफाई
- यदि रोगी घर हो तो साफ-सफाई में रोगी से अनावश्यक संपर्क टालें।
- रोगी के बेडरूम या बाथरूम में टिशू पेपर, तौलिया तथा डिसइंफेक्टेंट उपलब्ध कराएं।
- यदि बाथरूम साझा करना मजबूरी हो तो रोगी को चाहिए कि इस्तेमाल करने के बाद हर बार जहां तक संभव हो, उसकी सफाई कर दे।
- रोगी के बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद दूसरे सदस्य को चाहिए कि जहां तक संभव हो इंतजार करे और सफाई तथा विसंक्रमित करने के बाद ही इस्तेमाल करे।
- सफाई के बाद हमेशा ही हाथ अच्छी तरह से धोएं।
- यदि रोगी के साथ जगह साझा करना पड़े तो दूसरे सदस्य दस्ताना पहनें तथा डोरवेल, बिजली स्वीच, नल, टॉयलेट और रोगी द्वारा छूए जाने वाली चीजों को बार-बार विसंक्रमित करें।
ये लक्षण हों तो इमरजेंसी इलाज कराएं
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, यदि ये लक्षण हों तो इमरजेंसी इलाज कराएं:
- सांस लेने में तकलीफ।
- सीने में लगातार दर्द या भारीपन।
- भ्रम या जागने में असमर्थता।
- होंठ या चेहरा का नीला पड़ना।
- कोई ऐसे लक्षण, जो गंभीर और चिंताजनक मालूम पड़े।
लक्षण हो या टेस्ट पॉजिटिव आए तो घर पर कैसे रखें ख्याल
- यदि आप में कोरोना वायरस संक्रमण के सभी लक्षण हों और जांच नहीं कराई है तो भी संक्रमित मानकर एहतियात बरतें।
- सामान्य लक्षणों की स्थिति में फ्लू रोगियों जैसा देखभाल करें।
- तरल पदार्थ, सूप जैसी चीजों का सेवन करें।
- नियमित अंतराल पर तापमान देखें।
- यदि रोगी इतना कमजोर हो कि खा-पी नहीं सकता या बाथरूम नहीं जा सकता तो डॉक्टर को बुलाएं।
घर पर आइसोलेशन कब खत्म करें
- डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि लक्षण समाप्त होने के बाद रोगी को 14 दिन तक आइसोलेट रहना चाहिए।
- लेकिन सीडीसी की गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के पुष्ट या अपुष्ट मामलों में आइसोलेशन से बाहर निकलने में इन तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- बुखार कम करने वाली दवाई के बगैर ही कम से कम 72 घंटे तक बुखार न हो।
- अन्य लक्षण समाप्त हो जाएं (कफ और सांस लेने की तकलीफ में सुधार)।
- पहली बार लक्षण प्रकट होने के बाद कम से कम सात दिन बीत गए हों।
परिवार के अन्य सदस्यों को काम पर जाना चाहिए
नहीं, यदि परिवार में कोई व्यक्ति संक्रमित या संदिग्ध संक्रमित हो तो पूरे परिवार को 14 दिन के क्वारंटाइन में रहना चाहिए।
बीमार को ठीक होने में कितना समय लगेगा
कोरोना से पीड़ितों के ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि अधिकांश सप्ताह बाद बेहतर महसूस करने लगते हैं।
स्रोत : न्यूयार्क टाइम्स