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Highway Hypnosis: सफर करना पसंद है तो जान लें हाईवे हिप्नोसिस के बारे में, कहीं भारी न पड़ जाए यह गलती

हाईवे हिप्नोसिस या रोड हिप्नोसिस शब्द की उत्पत्ति हिप्नोसिस से हुई है। आसान शब्दों में इसे सम्मोहन कहा जाता है। हाईवे हिप्नोसिस की वजह से सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती हैं। खासकर धुंध के मौसम में इससे बचने की बेहद जरूरी है।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaFri, 26 May 2023 10:20 PM (IST)
Highway Hypnosis: सफर करना पसंद है तो जान लें हाईवे हिप्नोसिस के बारे में, कहीं भारी न पड़ जाए यह गलती
हाईवे हिप्नोसिस के बारे में जानें (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। घूमना, फिरना, मौज करना आखिर किसको पसंद नहीं होता है, पर कई बार सफर की वजह से काफी थकावट होती है और सफर को लेकर कई तरह के अनुभव भी होते हैं। इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई इलाकों में मौसम तेजी से बदल रहा है। धूलभरी आंधी, बारिश और धुंध की संभावनाएं बनी रहती हैं। ऐसे में सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त चालक को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अक्सर हाईवे हिप्नोसिस या रोड हिप्नोसिस जैसे शब्द सुनने को मिलते हैं।

हाईवे हिप्नोसिस या रोड हिप्नोसिस शब्द की उत्पत्ति हिप्नोसिस से हुई है। आसान शब्दों में इसे सम्मोहन कहा जाता है, लेकिन हाईवे हिप्नोसिस इससे थोड़ा अलग होता है। हाईवे हिप्नोसिस की वजह से सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती हैं। खासकर धुंध के मौसम में इससे बचने की बेहद जरूरी है।

हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस ने हाईवे हिप्नोसिस का जिक्र करते हुए सड़क दुर्घटनाओं के कुछ आंकड़े साझा किए थे। जिन्होंने इस विषय पर गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर किया। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक, दिसंबर 2022 में मुंबई नागपुर समृद्धी महामार्ग के उद्घाटन के बाद से ओवर स्पीडिंग की वजह से 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि 143 लोग घायल हो गए। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि इन हादसों के पीछे की मुख्य वजह हाईवे हिप्नोसिस है।

क्या है हाईवे हिप्नोसिस ?

हाईवे हिप्नोसिस का अहसास चालक को लंबे समय तक वाहन चलाने के दौरान होता है। मान लीजिए आपका गंतव्य 300 किमी दूर है और आप करीब 3 घंटे से वाहन को चला रहे हैं। इसी बीच आपकी नजर मील के पत्थर पर पड़ी जिसमें आपने देखा कि आपका गंतव्य 70 किमी दूर है, लेकिन कुछ वक्त बाद आपका ध्यान दूसरे मील के पत्थर पर पड़ा तो आपने पाया कि आपका गंतव्य महज 30 किमी दूर ही है।

ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बीच के 40 किमी के सफर के दौरान आप क्या कर रहे थे? आपकी मन:स्थिति क्या थी? या फिर यह आपको याद क्यों नहीं है? इत्यादि... विशेषज्ञों के मुताबिक, आमतौर पर यह देखा गया है कि ढाई से तीन घंटे की ड्राइविंग के बाद हाईवे हिप्नोसिस शुरू होता है। ऐसी स्थिति में आंखें खुली होती हैं, लेकिन दिमाग क्रियाशील नहीं रहता है। इस स्थिति में चालक को किसी भी चीज का अनुभव नहीं होता है।

हाईवे हिप्नोसिस में कैसा होता है अहसास?

  • मान लीजिए अगर चालक के साथ दुर्घटना हो जाए तो करीब 15 मिनट तक दिमाग सुन्न ही रहता है और उन्हें किसी भी चीज का अहसास नहीं होता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए चालक को दो से ढाई घंटे की ड्राइव के बाद ब्रेक लेते रहना चाहिए।
  • हाईवे हिप्नोसिस की वजह से कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं। ऐसे में चालक को बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए।
  • हाईवे हिप्नोसिस की स्थिति में दिमाग क्रियाशील नहीं रहता है। आसान भाषा में समझाएं तो इनएक्टिव हो जाता है। चालक की वाहन पर पकड़ होती है, लेकिन आस पास की तमाम चीजों को वो भूल जाता है। इसी वजह से कई बार चालक मोड़ को मिस कर जाता है और जब दिमाग एक्टिव मोड पर वापस आता है तो उसे इसका अहसास भी होता है।
  • हिप्नोसिस की स्थिति में व्यक्ति को इस बात का भान नहीं होता कि वह क्या कर रहा है या किस अवस्था में है। इसमें दिमाग पूरी तरह से सुन्न हो जाता है।

कब होता है हाईवे हिप्नोसिस?

  • अमूमन हाईवे हिप्नोसिस का अहसास ढाई से तीन घंटे की ड्राइविंग के बाद होता है।
  • सूनसान सड़कों पर या फिर रात के समय हाईवे हिप्नोसिस की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
  • वाहन में अकेले होने पर अक्सर चालक की स्पीड बढ़ जाती है और कई बार तो 100, 120 किमी प्रतिघंटा से भी ज्यादा रफ्तार पर वाहन भगाने लगते हैं। ऐसी स्थिति में भी दिमाग सुन्न हो जाता है।

हाईवे हिप्नोसिस से कैसे करें बचाव?

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां, ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां... आप लोगों ने ख़्वाजा मीर दर्द का यह शेर तो सुना ही होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सुध बुध खोकर सड़कों पर निकल जाना। आप लोगों ने यह बात सुनी, पढ़ी और हो सकता है कि किसी को बोली भी हो कि दुर्घटना से देर भली। इसीलिए आराम से वाहन चलाए और लंबी दूरी तय करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें।

हाईवे हिप्नोसिस से बचने के लिए दिमाग को एक्टिव रखें, ब्रेक लेते रहें, चाय-कॉफी का सेवन करें और भूल कर भी नशे में धुत होकर वाहन न चलाएं।