CM को गिरफ्तार करने के क्या हैं नियम, जानें क्या कहता है कानून
भारत में किसी भी आरोपी पर आरोप साबित होने पर वह दोषी हो जाता है जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। यह गिरफ्तारी सिविल और क्रिमिनल दोनों ही तरह के मामले में होती है। हालांकि मुख्यमंत्री के मामले में इसे लेकर कुछ अलग नियम हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आम लोगों के लिए सीएम की गिरफ्तारी की बातें सुनना भी काफी अजीब है, क्योंकि इसे लेकर लोगों के बीच कई तरह के भ्रम हैं। इसीलिए आज जानते हैं कि पुलिस या कोई जांच एजेंसी किसी राज्य के सीएम को कैसे गिरफ्तार कर सकती है और इसके लिए क्या कानूनी प्रक्रिया है। भारतीय दंड सहिंता के तहत किसी भी आरोपी पर उसका दोष साबित होने पर वह दोषी होता है।
इसके साथ ही उसकी गिरफ्तारी सिविल और क्रिमिनल, दोनों ही मामलों में होती है। हालांकि, मुख्यमंत्री (CM) के मामले में इसे लेकर अलग नियम है। Code of Civil Procedure के तहत मुख्यमंत्री के संबंध में विशेष प्राविधान किए गए हैं, जिसके तहत विशेष स्थिति में गिरफ्तारी के नियम हैं।
साथ ही गिरफ्तारी कब हो सकती है और कब नहीं, इस बात का भी उल्लेख किया गया है। चलिए आज आप को बताते है कि किसी सीएम को किस स्थिति में और कैसे गिरफ्तार किया जा सकता हैं।
गिरफ्तारी में है छूट
Code of Civil Procedure 135 के तहत किसी भी मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य को गिरफ्तारी में छूट दी गई है। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह छूट केवल सिविल मामलों में ही है।
क्रिमिनल मामलों में ही सिर्फ होगी गिरफ्तारी
यदि किसी मुख्यमंत्री या विधासभा सदस्य पर किसी भी प्रकार का कोई क्रिमिनल मामला हो जाता है, तो यह छूट नहीं दी जाएगी। इस मामले में क्रिमिनल केस के तहत मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है।
सदन के अध्यक्ष की मंजूरी से ही किया जा सकता गिरफ्तार
यदि मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य की क्रिमिनल केस में भी गिरफ्तारी होनी है, तो सबसे पहले सदन के अध्यक्ष से मंजूरी लेनी होती है, यानि विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बाद ही गिरफ्तारी हो सकती है।
इतने दिन पहले और बाद में नहीं होगी गिरफ्तारी
धारा 135 के तहत, मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य की गिरफ्तारी के लिए दिनों का भी नियम है। इसके तहत यदि विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है, तो इसके शुरू होने से 40 दिन पहले और खत्म होने के 40 दिन बाद तक मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद क्रिमिनल मामले में गिरफ्तारी के लिए सदन के अध्यक्ष से मंजूरी लेनी होगी। वहीं, मुख्यमंत्री को सदन से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
जानें किस पद पर नहीं हो सकती गिरफ्तारी
आपको बता दें कि अनुच्छेद 61 के तहत भारत के राष्ट्रपति और राज्यपाल को उनके पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। यह दोनों ही सिविल और क्रिमिनल मामले में लागू है। हालांकि, यदि राष्ट्रपति और राज्यपाल के अपने पद से इस्तीफा देने के मामले में दोनों को गिरफ्तार किया जा सकता है।