बांग्लादेश पहुंचा चक्रवाती तूफान मोरा, भारत में अलर्ट; सेना तैयार
तूफान के दौरान लगभग 54 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेगी, जो कि 88 किमी प्रति घंटे तक जा सकती हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात 'मोरा' मंगलवार सुबह बांग्लादेश पहुंच गया है। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना बांग्लादेश की मदद के लिए पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है। माना जा रहा है कि तूफान के चलते बांग्लादेश में इस तूफान ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।
वहीं दूसरी ओर मोरा का असर पूर्वोत्तर के कई भारतीय राज्यों पर भी पड़ सकता है, इसको लेकर चेतावनी भी जारी कर दी गई है। मोरा तूफान के दौरान लगभग 54 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेगी, जो कि 88 किमी प्रति घंटे तक जा सकती हैं।
जरुरत पड़ने पर मदद को तैयार भारतीय नौसेना
मोरा चक्रवात बंगाल की खाड़ी में अपनी मौजूदा स्थिति से उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की दिशा में बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान किया है कि मोरा मंगलवार को बांग्लादेश के चटगांव को अपनी चपेट में लेगा। नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, इसके गहरे दबाव में तब्दील होने और मंगलवार दोपहर या शाम तक बांग्लादेश पहुंचने की आशंका है। भारतीय नौसेना का पूर्वी बेड़ा तैयारी के उच्चतम स्तर पर है ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता मुहैया कराई जा सके।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की चेतावनी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार को असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भारी वर्ष होने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल तट पर मछुआरों को अगले 12 घंटों के दौरान समुद्र से दूर रहने के लिए कहा गया है।
भारतीय तट की तरफ आने पर इसकी वजह से करीब 65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। लेकिन इस बीच मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि इस चक्रवात से भारत को घबराने की जरूरत नहीं है। यह भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दस्तक है जो किसानों और फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगा
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर केजे रमेश के मुताबिक मोरा चक्रवात भारत में मानसून की शुरुआत है। उन्होंने बताया है कि यह मंगलवार को पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक पहुंच जाएगा। इस दौरान भारत के तटीय इलाकों में अच्छीं बारिश की संभावना है। उन्होंने मोरा चक्रवात को लेकर किसी भी तरह की दहशत को दरकिनार करते हुए कहा है कि यह चक्रवात भारत किसानों के लिए काफी अच्छाी साबित होगा। उनके मुताबिक फिलहाल इसकी पॉजीशन चिटगांव में है। जिसकी वजह से वहां पर तेज हवाएं और बारिश हो रही हैं। इसकी वजह से वहां पर कुछ नुकसान हो सकता है लेकिन भारतीय इलाकों में इसका प्रभाव खतरनाक साबित नहीं होगा।
उनका कहना है कि भारत के तटीय इलाकों तक पहुंचते पहुंचते यह मंदा पड़ जाएगा लिहाजा इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस चक्रवाती तूफान की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक देगा। इसके बाद भी भारत के तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
डॉक्टर रमेश के मुताबिक, मोरा 30 मई को चटगांव के पास बांग्लादेश तट को पार कर जाएगा। इसकी वजह से पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। उनके मुताबिक इस दौरान दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है। यह बंगाल की खाड़ी के कुछ और भागों तथा अरब सागर में आगे बढ़ाने में मददगार होगा।
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