ऐन मौके पर ममता ने रद किया बीजिंग दौरा, ट्वीट कर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दी जानकारी
पॉलिटिकल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत चीन सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ममता की बैठक होने वाली थी।
कोलकाता [ राज्य ब्यूरो ] । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का चीन दौरा रद्द हो गया है। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी पांच दिनों के दौरे पर शुक्रवार की रात 11.30 बजे चीन रवाना होने वाली थी। चीन में उनकी उद्योगपतियों, चेंबरर्स व सरकार तथा वहां की कम्युनिस्ट नेताओं के साथ बैठक होनी थी।
परंतु, शुक्रवार दोपहर तक चीन सरकार की ओर से सरकारी प्रतिनिधियों व कम्युनिस्ट नेताओं के साथ बैठक को लेकर कोई ग्रीन सिग्नल नहीं आने के बाद ममता ने चीन दौरे को रद्द कर दिया है। पॉलिटिकल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत चीन सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ममता की बैठक होने वाली थी। परंतु, चीन सरकार की ओर से शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक यह नहीं बताने पर की सरकारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी या नहीं। इसके बाद ममता ने चीन जाने का कार्यक्रम रद कर दिया। बताते चलें कई माह पहले ममता के 22 जून को चीन दौरे का कार्यक्रम तय हुआ था।
ममता ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि हमारे राजदूत ने यह जानकारी दी है कि उपयुक्त स्तर पर राजनीतिक बैठकें तय होने की चीन ने पुष्टि नहीं की है। ये बैठकें आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा थी, ऐसे में मेरे और पूरे प्रतिनिधिमंडल के वहां जाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।
बता दें कि दो अप्रैल को विदेश मंत्री को मुख्यमंत्री ने बताया कि वह देश हित में प्रतिनिधिमंडल के साथ जून के अंतिम सप्ताह तक जाने के लिए तैयार हैं। इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव और भारत में चीन के राजदूत के साथ औपचारिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के बाद कार्यक्रम तय हुआ कि 22 जून को प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री चीन दौरे पर रवाना होंगी। 21 जून तक सब ठीक था, लेकिन 22 जून को चीन की ओर से पॉलिटिकल एक्सचेंज कार्यक्रम के बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने शुक्रवार को कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मार्च में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र भेजकर प्रतिनिधिमंडल के साथ चीन दौरे पर जाने के लिए विचार करने को कहा था। मित्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के चीन दौरे में चीन सरकार और वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक और दोनों देशों के बीच राजनीतिक विचारों का आदान-प्रदान का कार्यक्रम शामिल था। चूंकि राजनीतिक स्तर पर प्रतिनिधिमंडल के साथ विचारों के आदान-प्रदान करने के कार्यक्रम के बारे में चीन से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली, इसलिए अंतिम समय में मुख्यमंत्री का दौरा रद करने का निर्णय लेना पड़ा।