काबिल परिवार दहेज मांगने में सबसे आगे, आंकड़ों से उजागर काला सच
दहेज मांगने वाले पढ़े लिखे परिवार थे और उनका लड़का डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी नौकरी में पदस्थ या प्राइवेट कंपनी में अच्छी सैलरी पर पदस्थ था।
ग्वालियर,(नईदुनिया)। यदि आप अपनी बेटी के लिए पढ़ा लिखा जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी नौकरी करने वाले किसी लड़के का रिश्ता तलाश रहे हैं तो हो सकता है आपके सामने दहेज की लम्बी-चौड़ी लिस्ट रख दी जाए। ऐसा महिला परामर्श केन्द्र में आए पिछले दो साल के आंकड़े बता रहे हैं।
16,112 मामले विभिन्न माध्यमों से पति-पत्नी के बीच झगड़े के महिला परामर्श केन्द्रों तक पहुंचे। इनमें ग्वालियर और उसके आसपास के जिलों के भी मामले शामिल हैं। इनमें से 9 हजार मामलों में परामर्श केन्द्र ने भूमिका निभाते हुए घर टूटने से बचाए हैं। शेष में कानूनी सलाह लेने की सलाह दी है। पर परामर्श केन्द्र में आए मामलों में 3 हजार मामले ऐसे थे जिनमें दहेज मांगने वाले पढ़े लिखे परिवार थे और उनका लड़का डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी नौकरी में पदस्थ या प्राइवेट कंपनी में अच्छी सैलरी पर पदस्थ था। यही कारण है कि समाज में सामूहिक विवाह का प्रचलन बढ़ा है।
इस तरह के मामले आए सामने मामले
मांग नहीं मानी तो रिश्ता तोड़ दिया
भिंड जिले में पदस्थ एक डॉक्टर का रिश्ता ग्वालियर के एक अच्छे परिवार में तय हुआ। शादी से पहले एक आई-20 कार, 15 लाख रुपए की मांग रखी गई। लड़की पक्ष ने यह बात मान भी ली। पर जब शादी की डेट फिक्स हो गई और सारी तैयारी अंतिम चरण में थी तभी डॉक्टर ने और दहेज की मांग कर दी। इस पर वधु पक्ष उसकी नीयत समझ गया। उन्होंने मांग मानने से इनकार किया तो डॉक्टर ने रिश्ता तोड़ दिया। डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज है।
शादी के बाद कम दहेज के ताने मिले
मुरैना निवासी 24 वर्षीय अभिनव सिंह कोरबा में किसी कंपनी में इंजीनियर है। पिता ने उसका रिश्ता ग्वालियर के एक व्यवसायी के परिवार में तय किया। शादी में मांग के अनुसार सब दिया गया। पर शादी के बाद लड़की को कम दहेज के ताने मिलने शुरू हो गए। इसके बाद प्रताड़ित करना शुरू किया। मामला ग्वालियर महिला थाने पहुंचा। परामर्श के बाद मामला सुलझाया गया।
होटल खोलने 5 लाख रुपए मांगे
ग्वालियर निवासी एक युवती का रिश्ता मर्चेंट नेवी के एक अफसर से तय हुआ। शादी के कुछ साल ठीक तो गुजरे, लेकिन उसके बाद होटल खोलने के लिए 5 लाख रुपए की मांग के साथ प्रताड़ना देना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद घर से बाहर निकाल दिया गया। परामर्श में भी मामला नहीं सुलझा तो एफआईआर दर्ज की गई।
दहेज को शान, वैभव से जोड़ना गलत
समाज शास्त्री प्रो. आयूब खान ने कहा कि कुछ लोग दहेज को शान और वैभव से जोड़कर देखते हैं। ऐसे में दहेज प्रथा को बढ़ावा मिलता है। साथ ही दहेज मांगने वालों से ज्यादा दहेज देने वाले लोग समाज में इस प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। कुछ लोग समाज में अपनी शान के लिए अच्छा दहेज देते हैं। पर अनजाने में वह प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ समय में सामूहिक विवाह का प्रचलन तेजी से बढ़ा है।