लाखों करोड़ों में होने वाली शादियां अब होंगी महज 11,700 रुपए में
संत हरिगिरि महाराज द्वारा किया गया आह्वान रंग लाने लगा है। गुर्जर समाज में जहां शादियों में लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाते थे, वहां अब महज 11700 रुपए खर्च होंगे।
ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। दहेज के नाम पर शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने के लिए संत हरिगिरि महाराज द्वारा किया गया आह्वान रंग लाने लगा है। गुर्जर समाज में जहां शादियों में लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जाते थे, वहां अब महज 11700 रुपए खर्च होंगे। संत हरिगिरी महाराज के अभियान की शुरूआत हो चुकी है। साल की शुरूआत में समाज में अभियान के तहत पहली सगाई हुई है, जिसमें केवल 1100 रुपए दिए गए हैं। वर व वधू के परिजन संपन्न हैं।
गुर्जर समाज में सामान्य परिवार को भी बेटी की शादी में कम से कम 11 लाख रुपए के लगभग खर्च करने पड़ते थे। इसके लिए कई बार वधू के पिता को अपनी जमीन भी बेचनी पड़ती थी। इस सबसे ज्यादा कुप्रभाव गरीबों पर हो रहा था और वे बेटी की सामान्य परिवार में शादी नहीं कर पा रहे थे। इस कुप्रथा को खत्म करने और समाज में एकरूपता लाने के लिए वर्ष 2018 में संत हरिगिरि महाराज ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर के आसपास के गुर्जर बाहुल्य 24 गांवों में दहेजबंदी का आह्वान किया और सभी रस्मों के लिए खर्च की सीमा तय कर दी।
अभियान के तहत 28 जनवरी 2019 को छत्रपाल सिंह गुर्जर पुत्र गब्बर सिंह गुर्जर (सिरादना) निवासी गुर्जा की सगाई गिरजा पुत्री स्व. अमरसिंह निवासी टिकटौली गुर्जर के साथ हुई है। पिता के स्वर्गवास हो जाने के बाद गिरजा के विवाह की जिम्मेदारी उनके चाचा रामवरन सिंह और भाई बंटी, मलखान, रघुराज और शिवराज संभाल रहे हैं। सगाई में वधू के चाचा ने वर छत्रपाल सिंह गुर्जर (सिरदाना) के हाथ में 1100 रुपए रखे।
दोनों परिवार हैं संपन्न
छत्रपाल के पिता के पास 50 बीघा खेती की जमीन है, साथ ही घर पर 20 भैंसे और गाय हैं। इसके साथ ही घर में एक चार पहिया जीप और चार दो पहिया वाहन हैं। इसी प्रकार वधू गिरजा के भाइयों के पास 72 बीघा खेती की जमीन है। घर में बोलेरो कार व परिवार में आठ बाइक हैं। साथ ही 42 गाय और भैंसे हैं। गिरजा के चाचा रामवरन सिंह शासकीय शिक्षक हैं।
इन रस्मों में इतने होंगे खर्च
हरिगिरी महाराज द्वारा विवाह में खर्च होने वाली जो राशि तय की गई हैं, उसमें सगाई में 1100 रुपए, लगुन फलदान में 1100 रुपए, वधू पक्ष की दहलीज पर वर के पहली बार आने पर किया जाने वाले टीका में महज 1100 रुपए, 1100 का बेला, पंडित की दक्षिणा 1100 रुपए नाई का नेग 1100 रुपए तय किया गया है। साथ ही भात की रकम भी 5100 रुपए निर्धारित कर दी है।
पहले कम से कम इतना होता था खर्च
वधू पक्ष के भाई रामेश्वर सिंह गुर्जर (छाबरी) के अनुसार, सामान्य परिवार में पहले सगाई सहित विवाह में होने वाला खर्च वर व वधु पक्ष द्वारा पहले ही मिलकर तय कर लिया जाता था। इसमें वर पक्ष के लोग वधू पक्ष की हैसियत के हिसाब से पैसों की मांग करते थे। अगर वर नौकरी वाला है अथवा वर अमीर परिवार से है तो यह राशि बढ़कर अधिक हो जाती थी। इसमें सामान्य परिवारों में सगाई में ही 1 से 5 लाख रुपए दिए जाते थे। इसके बाद कम से कम 51000 की लगुन, बेला सबसे अधिक खर्चीला होता था, जिसमें लाखों रुपए दिए जाते थे। साथ ही चार पहिया या दो पहिया गाड़ी भी दी जाती थी। टीका में कम से कम 21000 रुपए खर्च किए जाते थे।
हरिगिरी महाराज द्वारा विवाह में होने वाली प्रत्येक रस्म के लिए जो भी राशि तय की गई है, मैं उसी के अनुरूप विवाह करूंगा। साथ ही मैं समाज के सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि वह हरिगिरि महाराज के दिखाएं मार्ग पर चलें।
छत्रपाल सिंह गुर्जर, वर निवासी गुर्जा गांव