Move to Jagran APP

Weather Update : गरमी की बाट जोह रहे लोगों को लगा झटका, जानें कब तक होगी बारिश

हर साल के मुकाबले इस बार फागुन माह में तेज पतझड़ और गरम हवाएं अभी तक नहीं चलीं। उत्तर भारत में तापमान 20 से 27 डिग्री सेल्यिस के बीच झूल रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 10:19 PM (IST)
Weather Update : गरमी की बाट जोह रहे लोगों को लगा झटका, जानें कब तक होगी बारिश
Weather Update : गरमी की बाट जोह रहे लोगों को लगा झटका, जानें कब तक होगी बारिश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। यह अटकल है कि मौसम में गरमाहट के साथ ही कोरोना वायरस का दंश भी कम होगा। और यही कारण है कि शायद पहली बार लोग वसंत के जाने और मौसम के गरमाने का इंतजार कर रहे थे। यूं तो चैत की शुरूआत हो गई है लेकिन अभी भी आए दिन हो रही बारिश से तापमान क्या घटा लोगों की धुकधुकी और तेज हो गई है। हर साल के मुकाबले इस बार फागुन माह में तेज पतझड़ और गरम हवाएं अभी तक नहीं चलीं। उत्तर भारत में तापमान 20 से 27 डिग्री सेल्यिस के बीच झूल रहा है।

loksabha election banner

अब तक नहीं हुई गर्मी की शुरुआत

वैसे तो भारत में गरमी का पहला झोंका दक्षिणी क्षेत्र से आता है, लेकिन इस बार चेन्नई में भी 27 मार्च को गरमी का पारा 34 डिग्री सेल्सियस पर अटका हुआ है। भारत में कोरोना वायरस के मद्धिम पड़कर निष्कि्रय हो जाने की संभावना अप्रैल के पहले सप्ताह तक है। दरअसल, उस समय तक उत्तर से लेकर दक्षिणी राज्यों तक में लू चलने की शुरुआत हो जाती है, जो इस बार नहीं हो पा रही है।

अगले सप्‍ताह भी हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले सप्ताह भी पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के चलते पहाड़ी राज्यों के साथ उत्तरी क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। पूरे देश के सभी राज्यों में तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया है। पिछले एक सप्ताह से देश के किसी हिस्से में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्यिस से ऊपर नहीं पहुंचा। जबकि मार्च के आखिरी सप्ताह से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक तापमान 40 डिग्री के आसपास ही रहता रहा है। लेकिन सेंट्रल और दक्षिणी भारत में अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक गरमी रफ्तार पकड़ सकती है। कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर आए एक विश्लेषण में यह ट्रेंड देखा गया कि जिन क्षेत्रों में गरमी और उमस ज्यादा है, वहां इसकी रफ्तार थोड़ी थमी है। चीन के एक विश्वविद्यालय में एक अध्ययन किया गया। चीन के 100 शहरों में तापमान बढ़ने पर संक्रमित लोगों की संख्या में थोड़ी कमी आयी। आशा की इन्हीं किरणों के मद्देनजर लोग गरमी के स्वागत करने को उत्सुक हैं।

मौसम में इस बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ की भूमिका

बार-बार दिल्ली-एनसीआर के मौसम में बदलाव आ रहा है। कभी बारिश तो कभी बारिश के ओले भी गिर रहे हैं। इसके पीछे दो वजहें हैं। पहला पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और दूसरा पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance)। पिछले दिनों पहाड़ी राज्यों में बारिश का प्रभाव दिल्ली-एनसीआर में भी देखने को मिला था और बारिश के साथ जमकर ओले भी गिरे थे। मौसम में इस बदलाव के पीछे भी पश्चिमी विक्षोभ की ही भूमिका रही थी।

मौसम में आता है अचानक बदलाव

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से ही मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मौसम में अचानक बदलाव आ जाता है। उनके मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ दरअसल भूमध्य सामगर के अतिरिक्त उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के रूप में पैदा होता है। इससे धुर्वीय इलाको में उच्च नमी के साथ अपेक्षाकृत गर्म हवा के एक क्षेत्र की ओर ठंडी हवा का प्रवाह होने लगता है। फिर इसके प्रभाव से आंधी, तूफान और बारिश होती है। यह सब बेमौसम होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.