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Weather Forecast: मौसम का बदला मिजाज…पहाड़ों पर बर्फबारी ने मैदानी इलाकों में बढ़ाई ठंड, इन राज्यों में सप्ताह भर तक ऐसा रहेगा मौसम

पश्चिमी विक्षोभ के चलते सभी पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। दिल्ली और आसपास के राज्यों में भी रविवार को वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई। तेज हवा के साथ दिल्ली में शनिवार को शुरू हुआ हल्की वर्षा का दौर रविवार सुबह भी जारी रहा। कई इलाकों में अल सुबह वर्षा देखने को मिली।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaPublished: Sun, 03 Mar 2024 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2024 11:55 PM (IST)
पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है।

जागरण टीम, नई दिल्ली। पश्चिमी विक्षोभ के चलते सभी पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। दिल्ली और आसपास के राज्यों में भी रविवार को वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई। तेज हवा के साथ दिल्ली में शनिवार को शुरू हुआ हल्की वर्षा का दौर रविवार सुबह भी जारी रहा। कई इलाकों में अल सुबह वर्षा देखने को मिली।

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यही वजह रही कि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 13.7 डिग्री सेल्सियस, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में अभी सप्ताहभर सुबह-शाम की ठंड अभी बनी रहेगी। दिन में धूप निकलने पर राहत मिलेगी, लेकिन तेज हवा चलने पर अधिकतम तापमान में भी ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। मौसम विभाग के अनुसार, सात मार्च तक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से पहाड़ों में आंधी के साथ वर्षा और ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात की आशंका है।

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पंजाब में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

पंजाब के बठिंडा में तेज हवा के साथ हुई ओलावृष्टि से जिले में 7000 एकड़ रकबे में गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। गेहूं की फसल का 20 से 100 टन तक नुकसान है, जबकि 700 एकड़ रकबे में सरसों फसल 100 प्रतिशत नष्ट हो गई है। बाकी जिलों में फसलों को कम नुकसान हुआ है। रविवार को राज्य के कुछ जिलों में बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त हो गया है। अब सोमवार से अगले छह दिन तक मौसम साफ रहने की संभावना है। उप्र में आकाशीय

उत्तर प्रदेश में बिजली ने ली पांच की जान

उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोगों की जान चली गई, जबकि कुछ जिलों में पशुहानि की भी सूचना है। रविवार को भारी बारिश के साथ ओले भी गिरे। इससे गेहूं, सरसों, मटर, चना सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि आकाशीय बिजली, वर्षा, ओलावृष्टि, पशु हानि, मकान क्षति के मामलों में प्रभावितों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने बिजली गिरने से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत व्यक्तियों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।

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जम्मू-कश्मीर में वर्षा-हिमपात से पांच की मौत, पांच लापता

जम्मू-कश्मीर में दो दिन से जारी वर्षा और हिमपात में पांच महिलाओं की मौत हो गई। जबकि तीन मजदूर समेत पांच लोग नदी-नालों में बह गए हैं। इनकी तलाश जारी है। श्रीनगर समेत कुछ मैदानी क्षेत्रों में समेत सभी पहाड़ी हिस्सों में दोपहर तक हिमपात हुआ। कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र 270 किलोमीटर लंबा राजमार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा।

रामबन जिले के कई हिस्सों में राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ है और पहाड़ों से सड़क पर मलबा गिरा है। उम्मीद है सोमवार को राजमार्ग खोल लिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार की रात से ही भारी बारिश और हिमपात शुरू हो गया था। पुलिस और प्रशासन ने रामबन जिले में 200 से अधिक पर्यटकों समेत बड़ी संख्या में फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

उत्तराखंड - हिमाचल में बर्फबारी जारी

उत्तराखंड में रविवार को भी चारधाम समेत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होती रही। जबकि मैदानी क्षेत्रों में शनिवार रात से ही रुक-रुककर वर्षा हो रही है। नैनीताल में सुबह से कोहरा और दोपहर बाद ओलों के साथ पानी बरसा। पिछले 24 घंटे में 24 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। कौसानी में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। भारी बर्फबारी होने से उत्तरकाशी में गंगोत्री, चमोली में बदरीनाथ और पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग व तवाघाट-दारमा अवरुद्ध है।

वहीं, हिमाचल में पहली मार्च से जारी वर्षा-हिमपात ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है, जबकि न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। जनजातीय क्षेत्रों में यातायात सहित बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित है। लाहुल-स्पीति, किन्नौर व शिमला जिलों में हिमस्खलन के कारण दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं, हालाकि जानी नुकसान नहीं हुआ है।

लाहुल-स्पीति में कई स्थानों पर हिमस्खलन होने से चिनाब का बहाव रुक गया है। लाहुल स्पीति में 48 घंटों से बिजली गुल है। किन्नौर व लाहुल स्पीति में डेढ़ से दो फीट, जुब्बल और रोहड़ू में एक फीट हिमपात हुआ है। अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर पर चार फीट से अधिक बर्फ गिरी है। अटल टनल सहित मनाली की ऊझी घाटी में हिमपात जारी है।


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