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Weather: बारिश की दोहरी मार से खरीफ फसल पर उल्टा असर, देश की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित

मौसम विभाग के जारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक बारिश सामान्य से तीन फीसद अधिक दर्ज की जा चुकी है। बाढ़ की चपेट से धान की फसल के प्रभावित होने का खतरा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 07:15 PM (IST)
Weather: बारिश की दोहरी मार से खरीफ फसल पर उल्टा असर, देश की अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून की बहु सक्रियता चालू खरीफ सीजन पर भारी पड़ती दिख रही है। अच्छी बारिश से बुआई रकबा बढ़ने के बजाय घट गया है तो कई राज्यों में बाढ़ की वजह से खेतों में खड़ी फसलें खराब हुई हैं। इस दोहरी मार का असर खरीफ पैदावार पर उल्टा असर पड़ सकता है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बुरी होगी। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की जहां रोपाई कम हो पाई है, वहीं दलहन जैसी अहम फसलों का रकबा घट गया है।

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बारिश सामान्य से तीन फीसद अधिक

चालू मानसून सीजन में जून को छोड़ बाकी महीनों में बरसात लगातार हुई है। देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश औसत से अधिक हुई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में मानसून की बारिश जारी है। लौटते मानसून की इस बारिश से आई बाढ़ से इन राज्यों में तबाही हुई है। इसका सबसे अधिक असर खेतों में खड़ी फसलों पर पड़ा है। मौसम विभाग के जारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक बारिश सामान्य से तीन फीसद अधिक दर्ज की जा चुकी है।

बुआई रकबा घटा

इसके बावजूद पिछले सप्ताह कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने खरीफ सीजन में बंपर पैदावार का अनुमान जाहिर किया था। लेकिन घटा बुआई रकबा और बाढ़ से हुए नुकसान की आशंका के मद्देनजर उत्पादन के प्रभावित होने का खतरा बरकरार है। इससे कृषि की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा सकती है, जो किसानों की हालत बिगाड़ सकती है।

लगातार बारिश से सोयाबीन, मूंगफली की फसल को नुकसान

कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़े काफी संतोषजनक कहानी कह रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात कुछ और हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती का कुछ बुआई रकबा जरूर बढ़ा दिख रहा है, लेकिन लगातार बारिश ने फसल की हालत पस्त कर दी है। इससे उत्पादन में कमी के संकेत मिल रहे हैं। कमोबेश यही हाल मूंगफली का भी है, जो गुजरात के खेतों में बरसात की मार से तंगहाल है।

धान की रोपाई रकबा में गिरावट

धान की रोपाई रकबा में 7.66 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है। रोपाई सीजन देश में समाप्त हो चुका है। आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ चालू सीजन में अति बारिश के चलते बाढ़ की चपेट में रहा है, जिससे धान की फसल के प्रभावित होने का खतरा है। दलहन फसलों में दो लाख हेक्टेयर कम बुवाई हुई है, जिसमें अरहर व उड़द के साथ मूंग की खेती घटी है। दलहन की कम पैदावार से दाल की मांग व आपूर्ति में अंतर बढ़ गया है, जो कीमतें बढ़ा सकता है।

मानसून सीजन का अंतिम पड़ाव

मानसून सीजन अगले सप्ताह विदाई के दौर में होगा। इसका सकारात्मक असर रबी सीजन की फसलों पर पड़ेगा। जल संरक्षण और जल भंडारण के साथ मिट्टी में नमी की बढ़ी हुई मात्रा इसके लिए बहुत मुफीद साबित होगी। कृषि वैज्ञानिक इस रबी सीजन के लिए वरदान के तौर पर देख रहे हैं।


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