Coronavirus: स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य, देश में मास्क की कमी नहीं
मास्क बनाने वाली कंपनियां सरकार से इसके निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग कर रही थी लेकिन कोरोना को देखते हुए रोक हटाने से साफ इनकार कर दिया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य एवं सफाई सेवा से जुड़े सभी कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। सरकार का यह भी कहना है कि देश में मास्क के निर्यात पर रोक के बाद देश में मास्क की कोई कमी नहीं है।
एमआरपी से अधिक कीमत पर मास्क नहीं बेचने की हिदायत
मास्क बनाने वाली कंपनियों को मास्क की अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) से अधिक दाम पर बिक्री नहीं करने की हिदायत दी गई है। मास्क बनाने वाली कंपनियां सरकार से इसके निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग कर रही थी, लेकिन देश में कोरोना के पैर पसारने की आशंका को देखते हुए रोक हटाने से साफ इनकार कर दिया गया।
स्वास्थ्य एवं सफाई सेवा से जुड़े कर्मियों के लिए मास्क पहना अनिवार्य
टेक्सटाइल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य एवं सफाई सेवा से जुड़े कर्मियों के लिए मास्क पहना अनिवार्य करने का फैसला किया गया है। संबंधित मंत्रालयों को इस मामले में नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को देश में मास्क की उपलब्धता की समीक्षा की गई।
एन-95 मास्क बचाव के लिए 99 फीसद सुरक्षित
उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से दो प्रकार के मास्क है। एक मास्क उनके लिए है जो अपने बचाव के लिए पहन रहे हैं। दूसरे प्रकार के मास्क इलाज करने वाले लोगों के लिए हैं। फैबरिक से बनने वाले एन-95 मास्क बचाव के लिए 99 फीसद सुरक्षित है। इसकी कीमत 50 रुपए हैं।
देश में ही बन रहा बॉडी सूट, चीन से आयात संभव नहीं
इस प्रकार के वायरस से फैली बीमारी के इलाज के दौरान मुख्य रूप से बॉडी सूट, मास्क, गोगल्स एवं ग्लवस पहना जाता है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक बॉडी सूट का मुख्य रूप से चीन से आयात किया जाता है, लेकिन ऐसी स्थिति में चीन से आयात करना संभव नहीं है। इसलिए घरेलू स्तर पर डूपोन कंपनी लगभग 20,000 बॉडी सूट सप्लाई कर रही है।
बॉडी सूट में कोरोना वायरस के प्रवेश की कोई गुंजाइश नहीं होती
सूत्रों के मुताबिक अरविंद मिल्स, गिनी टेक्सटाइल, स्योर सॉफ्ट नामक कंपनियों को बॉडी सूट की सप्लाई के लिए कहा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर इलाज के दौरान पहने जाने वाले बॉडी सूट की कमी नहीं हो। बॉडी सूट को इस प्रकार से बनाया जाता है कि इसमें कोरोना वायरस के प्रवेश की कोई गुंजाइश नहीं होती है।