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व्यापमं घोटाला: भोपाल से एमबीबीएस की डिग्री दिलाता था संतोष

आगरा। गांव वालों को भनक पहले से थी, लेकिन सब खामोश थे। खुल कर तो अब भी कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में मेडिकल छात्र संतोष चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीण धीरे-धीरे उसकी हकीकत खोल रहे हैं। आगरा की बाह तहसील के छोटे से गांव पुरा नरहौली निवासी संतोष की पहचान एमबीबीएस

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 10:54 AM (IST)

आगरा। गांव वालों को भनक पहले से थी, लेकिन सब खामोश थे। खुल कर तो अब भी कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में मेडिकल छात्र संतोष चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीण धीरे-धीरे उसकी हकीकत खोल रहे हैं। आगरा की बाह तहसील के छोटे से गांव पुरा नरहौली निवासी संतोष की पहचान एमबीबीएस की डिग्री दिलवाने वाले डॉक्टर के रूप में बन चुकी थी। व्यापमं घोटाले में धरे गए मास्टरमाइंड दीपक यादव के साथी संतोष की गिरफ्तारी के बाद 'जागरण' ने उसके गांव में कुछ जानकारी जुटाने की कोशिश की, तो पता चला कि संतोष का खेल कोई खास पर्देदारी में नहीं था। खुलकर कुछ बोलने को कोई तैयार नहीं हुआ, लेकिन अब तक जो देखा है, वह जरूर बता दिया।

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ग्रामीणों ने बताया कि संतोष खुद को दिल्ली में डॉक्टर बताता था। यह किसी को नहीं पता था कि वह अभी पढ़ाई ही कर रहा है। इसके अलावा यह मालूम था कि वह भोपाल से एमबीबीएस की डिग्री दिलवाता है, क्योंकि मध्य प्रदेश के लोग इनके घर अक्सर आते-जाते रहते थे। एक व्यक्ति हमेशा इसके पास आता था। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के कुछ लोग काफी हंगामा करने के बाद संतोष को जबरन अपने साथ खींच ले गए थे। मामला कुछ डिग्री का ही बताया गया था।

ग्रामीणों को कुछ गलत का शक इसलिए भी था, क्योंकि कुछ सालों में ही उसकी माली हालत में बड़ा बदलाव आया है। ग्रामीणों के मुताबिक, पहले साधारण परिवार के संतोष की गिनती कुछ साल से गांव के संपन्न परिवारों में होने लगी है। संतोष के पिता शिवचरण चौरसिया बाह के जरार में प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं। शिवचरण चौरसिया से जब कुछ सवाल किए गए तो वह यह कह कर चले गए कि मेरा बेटा कुछ भी करता हो, आपको इससे क्या लेना-देना है। मालूम हो कि इस घोटाले से मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी कांग्रेस इसको लगातार मुद्दा बनाने में जुटी है।

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