वीवीपीएटी का व्यापक स्तर पर पहली बार मिजोरम में होगा इस्तेमाल
देश में पहली बार मिजोरम विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर वैरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रॉयल [वीवीपीएटी] प्रणाली का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग मतदाताओं के लिए इसका उपयोग आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
आइजल। देश में पहली बार मिजोरम विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर वैरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रॉयल [वीवीपीएटी] प्रणाली का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग मतदाताओं के लिए इसका उपयोग आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
वीवीपीएटी वास्तव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन [ईवीएम] से जुड़ी एक मशीन है, जिसकी मदद से मतदाता पता लगा सकते हैं कि मतदान उनकी इच्छा के अनुरूप हुआ है या नहीं। दरअसल, मतदान करने के तत्काल बाद वीवीपीएटी शीशे से ढकी एक स्क्रीन पर चुनाव चिन्ह और उस प्रत्याशी के नाम की छोटी सी पर्ची मतपत्र के रूप में दिखाएगी जिसे वोट दिया गया हो। तीन से चार सेकेंड बाद यह पर्ची साथ में लगे बंद बक्से में चली जाएगी। कुल 40 विधानसभा सीटों वाले आइजल जिले की दस विधानसभा सीटों में ही वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा। वीवीपीएटी प्रणाली का पहला प्रायोगिक उपयोग हाल ही में नगालैंड के नोकसेन विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में किया गया था। अब मिजोरम पहला राज्य होगा जहां इसका बड़े पैमाने पर उपयोग होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विन कुमार ने बताया कि मतदाताओं को वीवीपीएटी के बारे में बताने के लिए दूरदर्शन और रेडियो पर स्थानीय मिजो भाषा में विज्ञापन दिए जा रहे हैं। मतदाताओं की सुविधा के लिए दस विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 217 मतदान केंद्रों के भीतर और बाहर विजुअल विज्ञापन लगाए गए हैं। यहां पर 25 नवंबर को मतदान होगा। करीब 6.86 लाख मतदाता 142 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
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