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मध्य प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण के लिहाज से अच्छे संकेत, आंकड़ा 7906 पर पहुंचा

वन विभाग के कर्मचारियों को भोपाल, छतरपुर और उज्जैन में एक-एक हजार से ज्यादा गिद्ध मिले। इसे माना जा रहा है गिद्धों के संरक्षण के लिहाज से अच्छा संकेत

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 10:27 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 10:27 AM (IST)
मध्य प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण के लिहाज से अच्छे संकेत, आंकड़ा 7906 पर पहुंचा
मध्य प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण के लिहाज से अच्छे संकेत, आंकड़ा 7906 पर पहुंचा

भोपाल, नईदुनिया। मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। शनिवार को प्रदेश भर में एक साथ कराई गई गणना में 7906 गिद्ध पाए गए हैं, जो दो साल पहले गिने गए गिद्धों से 900 ज्यादा हैं। वन विभाग के कर्मचारियों को भोपाल, छतरपुर और उज्जैन वन वृत्त में एक-एक हजार से ज्यादा गिद्ध मिले हैं। विभाग गिद्धों के संरक्षण की दिशा में इसे बेहतर संकेत मान रहा है।

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विभाग ने वर्ष 2017 में गिद्धों की गिनती कराई थी। तब सात हजार गिद्ध गिने गए थे। शनिवार को प्रदेश के 33 जिलों में एक साथ 886 चयनित स्थानों पर गिनती प्रारंभ हुई और करीब तीन घंटे में सात हजार से ज्यादा गिद्ध गिने गए। आंकड़ा बढने की भी संभावना है। फिलहाल विभाग आठ हजार से ज्यादा संख्या होने का अनुमान लगा रहा है।

सात हजार कर्मचारी लगाए

गिद्धों की गिनती के लिए विभाग ने पूरे प्रदेश में सात हजार कर्मचारियों को लगाया था। उनके साथ स्थानीय स्तर पर एनजीओ के सदस्य भी गिनती में शामिल हुए। विभाग ने प्रारंभिक सर्वे पिछले माह ही कर लिया था। जिसमें गिद्धों के घोसले चिह्नित किए गए थे। शनिवार को सुबह करीब साढ़े छह बजे कर्मचारियों की टीम चिह्नित जगहों पर पहुंची और सिर्फ बैठे हुए गिद्धों की गिनती की। वन अफसरों का कहना है कि धूप चढ़ने के साथ गिद्ध आसमान में उड़ने लगते हैं। जिससे गिनती प्रभावित हो सकती थी। जबकि सुबह वे अपने घोसलों के आसपास ही बैठते हैं, जिससे गिनती आसान हो जाती है।

पेंच पार्क में नजर आया दुर्लभ एशियन पाम सिवेट

आम तौर पर दक्षिण भारत में पाया जाने वाला दुर्लभ एशियन पाम सिवेट पेंच नेशनल पार्क की सड़कों पर चहलकदमी करता दिखाई दिया है। पेंच पार्क के रूट नंबर दो पर जोड़ा मुनारा कैंप के नजदीक एशियन पाम सिवेट की तस्वीरें पार्क के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ओमवीर चौधरी ने कैमरे में कैद की हैं। चौधरी ने बताया कि निशाचर प्रवृत्ति के इस स्तनपायी वन्यप्राणी को दिन अथवा दोपहर के समय देख पाना बेहद मुश्किल होता है। एकांतप्रिय यह वन्यप्राणी किसी की आहट सुनते ही जमीन की खोह अथवा अपने आवास में दुबक जाता है।

रात के अंधेरे में शिकार के लिए यह मांसाहारी वन्यप्राणी बाहर निकलता है। बड़ी शिकारी बिल्ली की तरह दिखने वाले एशियन पाम सिवेट छोटे जीवों जैसे छिपकली, सांप, मेढक व कीड़ों का शिकार करता है। दक्षिण भारत के अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया, श्रीलंका, दक्षिणी चीन में यह बड़ी संख्या में पाया जाता है। काले बाल व बड़ी आंखों वाले इस वन्यप्राणी की उम्र 15 से 20 साल तक होती है। पेंच टाइगर रिजर्व में एशियन पाम सिवेट रिकॉर्डेड वन्यप्राणी है, लेकिन कई सालों बाद यह पार्क में लोगों को दिखाई दिया है। ताड़ के पेड़ों की कटाई से एशियन पाम सिवेट की संख्या दुनिया भर में तेजी से कम हुई है। इस वन्यप्राणी को ताड़ के फल काफी पसंद हैं।


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