विकलांग अरुणिमा ने नाप दी हिमालय की ऊंचाई
एक पैर से विकलांग अरुणिमा सिन्हा ने हिमालय के लंगशर कांगड़ी के 21,110 फुट ऊंची चोटी फतह कर ली। अरुणिमा वही युवती है, जिसे कुछ मनचलों ने मेरठ के पास चलती ट्रेन से इसलिए फेंक दिया था, क्योंकि उसने अपने साथ हो रही लूटपाट का विरोध किया था।
नई दिल्ली। एक पैर से विकलांग अरुणिमा सिन्हा ने हिमालय के लंगशर कांगड़ी के 21,110 फुट ऊंची चोटी फतह कर ली। अरुणिमा वही युवती है, जिसे कुछ मनचलों ने मेरठ के पास चलती ट्रेन से इसलिए फेंक दिया था, क्योंकि उसने अपने साथ हो रही लूटपाट का विरोध किया था। एम्स ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान जान बचाने के लिए उसका बायां पैर काटना पड़ा था।
आखिर वॉलीबाल खेलने वाली अरुणिमा को पर्वतारोही बनने का ख्याल कैसे आया? वह बताती हैं कि जब एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थी तो एक दिन अखबार पढ़ रही थी। उसमें नोएडा के 17 वर्षीय अर्जुन वाजपेयी के देश के सबसे युवा पर्वतारोही बनने की खबर छपी थी। इस खबर ने उनके अंदर ऊर्जा का संचार किया। उसे लगा कि जब 17 साल का किशोर ऐसा कर सकता है तो फिर वह क्यों नहीं? फिर तमन्ना मन में हिलोरें मारने लगी और उसने एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की पांचवीं महिला बछेंद्री पाल से बात की और फिर उनसे मिले भरोसे से उसके सपने को पंख लगे।
एनआइएम से लिया प्रशिक्षण
उत्तराखंड स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग (एनआइएम) से अरुणिमा ने 28 दिन का प्रशिक्षण लिया। उसके बाद इंडियन माउंटेनरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) ने उन्हें हिमालय पर चढ़ने की स्वीकृति दे दी।
कहां है लंगसर कांगड़ी
यह लद्दाख के पूर्वी बार्डर व तिब्बत से सटा हुआ है। लेह यहां से काफी नजदीक है। लंगसर कांगड़ी की चोटी से इसके चारों ओर का सुंदर दृश्य बहुत ही रोमांच पैदा करता है।
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