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ट्रंप पर पुतिन का बड़ा बयान, बोले-रूस और अमेरिका के संबंध सबसे खराब दौर में

सीरिया में अमेरिकी मिसाइलों के हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 12 Apr 2017 04:08 PM (IST)Updated: Wed, 12 Apr 2017 06:09 PM (IST)
ट्रंप पर पुतिन का बड़ा बयान, बोले-रूस और अमेरिका के संबंध सबसे खराब दौर में
ट्रंप पर पुतिन का बड़ा बयान, बोले-रूस और अमेरिका के संबंध सबसे खराब दौर में

मॉस्को, रायटर। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अमेरिका को लेकर अहम बयान दिया है। पुतिन ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में रूस और अमेरिका के संबंधों में खटास आई है। सीरिया में अमेरिकी मिसाइलों के हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है।

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इससे पहले रूस ने सीरिया के एयरबेस पर अमेरिका के मिसाइल हमले पर उसे गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। जबकि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने अपने देश की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि कुछ और करने की भी तैयारी थी।

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पुतिन का यह साक्षात्कार बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात के पहले सरकारी टीवी पर प्रसारित किया गया। मंगलवार को मॉस्को पहुंचने से पहले टिलरसन ने कहा था कि रूस को अमेरिका या असद में से किसी एक को चुनना होगा। चार अप्रैल को सीरिया के इदलिब प्रांत के खान शेखहुन में रासायनिक हमले के बाद से ही दोनों देशों में तनाव चरम पर है। हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरियाई एयरबेस पर मिसाइल दागे थे और रूस को असद से दूरी बनाने को कहा था।

इस माहौल में मॉस्को पहुंचे टिलरसन की यात्रा पर सबकी नजरें है। वे रूस जाने वाले ट्रंप कैबिनेट के पहले मंत्री हैं। लेकिन, रूस ने उनकी मेजबानी में वो गर्मजोशी नहीं दिखाई जिसकी उम्मीद थी। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने द्विपक्षीय बैठक में मिसाइल हमले का मामला उठाते हुए इसे गैर कानूनी बताया। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रायबकोव ने सीरिया पर अमेरिकी रणनीति को रहस्यपूर्ण करार दिया। हालांकि टिलरसन ने कहा है कि वे सभी मसलों पर खुलकर और व्यापक चर्चा को तैयार हैं।

गौरतलब है कि सीरिया में छह साल से जारी गृहयुद्ध में चार लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। असद के खिलाफ संघर्षरत विद्रोहियों को रूस आतंकी बताता है। 2015 से वह सीरिया में हवाई अभियान भी चला रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश असद को सत्ता से बाहर किए जाने के पक्ष में हैं। लेकिन, रूस के विरोध के कारण वे अब तक इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।

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