दलित विरोधी टिप्पणी मामले में पहली बार अदालत में पेश हुए वीके सिंह के वकील
न्यायाधीश एक बार फिर बदले, तो मामला नए सत्र न्यायाधीश एसके मल्होत्रा की अदालत में पहुंचा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दलितों के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी संबंधी मामले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की ओर से पहली बार उनके वकील अदालत में पेश हुए। वकीलों ने यहां न्यायाधीश की गैरमौजूदगी में अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा। इस मामले की पुनरीक्षण याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय गुप्ता के पास दायर की थी। इसके बाद न्यायाधीश बदल गए और सत्र न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने वीके सिंह को पेश होने के निर्देश दिए।
न्यायाधीश एक बार फिर बदले, तो मामला नए सत्र न्यायाधीश एसके मल्होत्रा की अदालत में पहुंचा। मंगलवार को प्रशिक्षण के लिए अवकाश पर रहे न्यायाधीश की गैरमौजूदगी में सुनवाई 14 फरवरी तक के लिए स्थगित हो गई। पुनरीक्षण याचिका शिकायतकर्ता वकील डॉ. सत्य प्रकाश ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए लगाई थी।
निचली अदालत ने पुलिस द्वारा दाखिल जवाब के बाद शिकायतकर्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें विदेश राज्य मंत्री पर दलितों के खिलाफ कथित अपमानजनक एवं शर्मनाक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई थी।
बता दें कि फरीदाबाद में एक घटना के दौरान जिंदा जले दलित परिवार के दो बच्चों की मौत पर पूर्व सेना प्रमुख की कथित टिप्पणी को संज्ञेय अपराध बताया गया था। वीके सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि, अगर कोई कुत्ते को पत्थर मारता है तो उसके लिए सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
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