बेंगलुरु, प्रेट्र। तमिलनाडु में मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहीं अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला की नई पहचान बेंगलुरु सेंट्रल जेल में कैदी नंबर 9435 है। यहां पर उनको मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आत्मसमर्पण करने में कुछ वक्त की मोहलत देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उन्होंने शाम को बेंगलुरु की सत्र अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। यहां से उनको बेंगलुरु सेंट्रल जेल भेज दिया गया। जेल में उनको आम कैदी की तरह रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष सुविधाओं की उनकी मांग भी ठुकरा दी है।
आय से अधिक संपत्ति मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सत्र अदालत के फैसले को बहाल कर दिया था। आय के ज्ञात स्रोतों से 66 करोड़ रुपये अधिक के मामले में अन्नाद्रमुक नेता को चार साल जेल की सजा सुनाई गई है। लगभग छह माह वह जेल में पहले ही बिता चुकी हैं। इस तरह उनको अब लगभग साढ़े तीन साल सलाखों के पीछे बिताना होगा। शशिकला चेन्नई से बेंगलुरु कोर्ट पहुंचीं। जेल के पास तोड़फोड़ की घटना में शशिकला के काफिले की चार कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
जिन्हें जया ने निकाला, उन्हें वापस लिया
कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए चेन्नई से चलने से पहले शशिकला ने एक अहम राजनीतिक फैसला लिया। उन्होंने जयललिता द्वारा पार्टी से पांच साल पहले निष्कासित किए गए अपने निकट संबंधियों टीटीवी दिनाकरन और एस. वेंकटेश को फिर से पार्टी में शामिल कर लिया।
शशिकला ने मांगी थीं ये सुविधाएं
-पलंग और टीवी की व्यवस्था सहित अलग सेल
-हथकड़ी न लगाई जाए
-एक सेवक भी दिया जाए
-घर का खाना मिले
-वेस्टर्न टॉयलेट
-24 घंटे गर्म पानी
-24 घंटे मिनरल वाटर
पढ़ेंः विधायकों को रिजॉर्ट में रखने पर शशिकला के खिलाफ केस
a