Vismaya Dowry Death Case: केरल की कोल्लम कोर्ट ने आरोपी पति को सुनाई 10 साल की सजा, जानें पूरा मामला
Vismaya Dowry Death Case केरल की कोल्लम कोर्ट ने विस्माया दहेज हत्या मामले में आरोपी पति किरन कुमार को 10 साल की सजा सुनाई है। उसे अदालत ने सोमवार को दोषी माना था। वह पूर्व में राज्य मोटर वाहन विभाग में तैनात था।
तिरुअनंतपुरम, एजेंसी। केरल के चर्चित विस्माया दहेज हत्या मामले (Vismaya dowry death case) में मंगलवार को कोल्लम की अतिरिक्त सेशन कोर्ट ने आरोपी पति किरन कुमार को 10 साल जेल और 12.50 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। किरन कुमार को कम सजा मिलने से निराश विस्माया की मां ने कहा कि सजा पर्याप्त नहीं होने के कारण परिवार उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटाएगा।
हालांकि, विस्माया के पिता, जो फैसला सुनने के लिए कोर्ट में थे, ने कहा कि इस प्रकार के दहेज हत्या के मामले के लिए यह अधिकतम सजा है। फिर भी हम विशेषज्ञों से बात करने के बाद कानूनी कदम उठाएंगे क्योंकि हमें लगता है कि मामले में और भी आरोपी हैं।
सोमवार को अदालत ने किरन कुमार को माना दोषी
जुर्माने की राशि में से दो लाख रुपये विस्माया के माता-पिता के पास जाएंगे। सोमवार को कोल्लम के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश के.एन.सुजीत ने किरण कुमार को अभियोजन पक्ष द्वारा सामने रखे गए विभिन्न अपराधों का दोषी पाया, जो एक सहायक मोटर वाहन निरीक्षक थे। इसमें आत्महत्या के लिए उकसाना और दहेज के नाम पर पीड़िता को अन्य चीजों के साथ प्रताड़ित करना भी शामिल है। किरन कुमार पहले राज्य मोटर वाहन विभाग में अतिरिक्त वाहन निरीक्षक के तौर पर तैनात था।
यह है पूरा मामला
विस्माया 21 जून, 2021 को कोल्लम जिले में अपने पति किरण कुमार के घर पर फंदे पर लटकी हुई पाई गईं थी। उसकी मौत का जो कारण सामने आया वह यह था कि कुमार नई कार से नाखुश था। वह विस्माया को परेशान कर रहा था क्योंकि 10 लाख रुपये की कार कम माइलेज देती थी। इसलिए वह इसे बेचकर एक नई लग्जरी कार खरीदना चाहता था।
किरन कुमार को सेवा से किया गया बर्खास्त
मामले के सार्वजनिक होने के बाद किरन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस मामले ने जनता का बहुत ध्यान आकर्षित किया था। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विस्माया के घर का दौरा किया था और घोषणा की थी कि वह दहेज के खिलाफ किसी भी अभियान में सबसे आगे रहेंगे। फिर उन्होंने घोषणा की कि सभी छात्रों को उनके दीक्षांत समारोह के समय शपथ लेनी चाहिए कि वे दहेज नहीं लेंगे या नहीं देंगे।
जांच दल ने दाखिल की 500 पन्नों की चार्जशीट
जांच दल ने कोल्लम कोर्ट में 500 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें किरण कुमार पर आत्महत्या के लिए उकसाने और आईपीसी की नौ अन्य धाराओं का आरोप लगाया था। पुलिस ने तय समय में जांच पूरी की। चार्जशीट में सबूत के तौर पर 102 गवाहों, 96 दस्तावेजों और 56 भौतिक वस्तुओं की सूची है। मामले की सुनवाई में चार महीने लगे।