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Visa Bribery Case: कार्ति पर भी लटकी गिरफ्तारी की तलवार, पिता पी. चिदंबरम से भी पूछताछ करेगी सीबीआइ

Visa Bribery Case भास्कर रमन की गिरफ्तारी से कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई है। सीबीआइ के अधिकारी इससे इन्कार भी नहीं कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भास्कर रमन से पूछताछ के बाद कार्ति चिदंबरम को पूछताछ के लिए समन किया जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 09:53 AM (IST)
Visa Bribery Case: कार्ति पर भी लटकी गिरफ्तारी की तलवार, पिता पी. चिदंबरम से भी पूछताछ करेगी सीबीआइ
वीजा घोटाले में कार्ति चिदंबरम की हो सकती है गिरफ्तारी (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पैसे लेकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के आरोप में सीबीआइ ने लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम के करीबी एस. भास्कर रमन को गिरफ्तार कर लिया है। भास्कर रमन को ट्रांजिट रिमांड पर चेन्नई से दिल्ली लाया जा रहा है, जहां उसे अदालत में पेश कर सीबीआइ रिमांड की मांग की जाएगी। सीबीआइ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को 10 स्थानों पर दिनभर चले छापों और पूछताछ के बाद देर रात भास्कर रमन को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया। उनके अनुसार, 2011 में तय सीमा से अधिक 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिए जाने में ईमेल और पैसे के लेन-देन के ठोस सुबूतों को भास्कर रमन स्वीकारने को तैयार नहीं था और पूछताछ में जरा भी सहयोग नहीं कर रहा था। अब सीबीआइ भास्कर रमन को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी।

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कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी की आशंका

याद दिला दें कि भास्कर रमन को पूर्व में आइएनएस मीडिया केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी गिरफ्तार किया था। भास्कर रमन की गिरफ्तारी से कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई है। सीबीआइ के अधिकारी इससे इन्कार भी नहीं कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भास्कर रमन से पूछताछ के बाद कार्ति चिदंबरम को पूछताछ के लिए समन किया जाएगा। यदि कार्ति पूछताछ में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

अहम थी चिदंबरम की भूमिका

उन्होंने कहा कि पी. चिदंबरम से भी इस मामले में निश्चित रूप से पूछताछ की जाएगी, वीजा देने में गृह मंत्री के रूप में उनकी भूमिका अहम थी। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि इसके एवज में 50 लाख रुपये के लेन-देन के बारे में उन्हें जानकारी थी या नहीं। अन्य आरोपितों से पूछताछ के बाद ही पी. चिदंबरम से पूछताछ का फैसला लिया जाएगा।

क्या कहती है सीबीआइ की एफआइआर

सीबीआइ का आरोप है कि भास्कर रमन से तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के तत्कालीन एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट विकास मखारिया ने संपर्क किया था। वह मानसा में लगाए जा रहे विद्युत संयंत्र में कार्यरत 263 चीनी कर्मचारियों के प्रोजेक्ट वीजा फिर जारी कराना चाहता था। प्रारंभिक जांच करने वाले अधिकारी के निष्कर्षो को शामिल करने वाली सीबीआइ की एफआइआर में आरोप लगाया गया है कि मखारिया ने कार्ति चिदंबरम से उनके करीबी सहयोगी भास्कर रमन के जरिये संपर्क किया था।

पर्दे के पीछे का रास्ता निकाला

मखारिया ने चीनी कंपनी के कर्मचारियों को आवंटित 263 प्रोजेक्ट वीजा को फिर इस्तेमाल करने की अनुमति देकर अधिकतम सीमा (कंपनी के संयंत्र के लिए अधिकतम स्वीकृत प्रोजेक्ट वीजा) के उद्देश्य को विफल करने का पर्दे के पीछे का रास्ता निकाल लिया था।' एफआइआर के मुताबिक, प्रोजेक्ट वीजा बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए एक तरह का विशेष वीजा होता था जिसकी 2010 में शुरुआत की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में पी. चिदंबरम के कार्यकाल में इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन इसमें प्रोजेक्ट वीजा को पुन: जारी करने का कोई प्रविधान नहीं था।

एक ही महीने में मिल गई थी अनुमति

एफआइआर में आरोप लगाया गया है, 'दिशानिर्देशों के मुताबिक असाधारण और अपवाद के मामलों में छूट पर विचार किया जा सकता था और गृह सचिव की स्वीकृति से वीजा प्रदान किया जा सकता था। लेकिन उक्त परिस्थितियों में प्रोजेक्ट वीजा के पुन: उपयोग की छूट के संबंध में तत्कालीन गृह मंत्री द्वारा स्वीकृति दिए जाने की संभावना थी।' अधिकारियों ने बताया कि मखारिया ने कथित तौर पर 30 जुलाई, 2011 को गृह मंत्रालय में एक आवेदन दाखिल किया था जिसमें उसकी कंपनी को आवंटित प्रोजेक्ट वीजा को पुन: इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी गई थी। एक ही महीने में उसे इसकी अनुमति मिल गई थी।

कार्ति को फारवर्ड किया गया था ईमेल

एफआइआर के मुताबिक, 'भास्कर रमन के निर्देश पर मखारिया ने 17 अगस्त, 2011 को 30 जुलाई, 2011 के आवेदन की प्रति ईमेल के जरिये उसे भेजी थी जिसे कार्ति को फारवर्ड किया गया था। भास्कर रमन ने पी. चिदंबरम से बातचीत के बाद स्वीकृति देने के लिए 50 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।' मखारिया ने बाद में एक ईमेल के जरिये कार्ति चिदंबरम और भास्कर रमन को धन्यवाद भी दिया था।


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