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आधार की जगह वर्चुअल आईडी नंबर, एक जून से इसे स्वीकार करना होगा अनिवार्य

सत्यापन के उद्देश्य से सेवा प्रदाताओं के लिए एक जून, 2018 से आधार नंबर के स्थान पर 16 अंकों वाली वर्चुअल आईडी को स्वीकार करना अनिवार्य होगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 10:22 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 12:20 PM (IST)
आधार की जगह वर्चुअल आईडी नंबर, एक जून से इसे स्वीकार करना होगा अनिवार्य
आधार की जगह वर्चुअल आईडी नंबर, एक जून से इसे स्वीकार करना होगा अनिवार्य

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ([यूआईडीएआई)] ने बहुप्रतीक्षित वर्चुअल आईडी का बीटा वर्जन जारी कर दिया है। प्राधिकरण पहले ही कह चुका है कि सत्यापन के उद्देश्य से सेवा प्रदाताओं के लिए एक जून, 2018 से आधार नंबर के स्थान पर 16 अंकों वाली वर्चुअल आईडी को स्वीकार करना अनिवार्य होगा। साफ है कि अब कई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर नहीं देना होगा। निजता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए यूआईडीएआई ने जनवरी में वर्चुअल आईडी लाने की घोषणा की थी।

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आधार नंबर की जगह वर्चुअल आईडी नंबर

सरल शब्दों में कहें तो इस नए फीचर से आधार धारक को प्रमाणीकरण और सत्यापन के लिए 12 अंकों का अपना आधार नंबर बताने के बजाय सिर्फ 16 अंकों का वर्चुअल आईडी ([वीआईडी)] नंबर ही बताना होगा। यूआईडीएआई के मुताबिक, यूजर अपनी वीआईडी खुद ही जनरेट कर सकेंगे। वीआईडी की वैधता सिर्फ एक दिन के लिए ही होगी।

क्या है वीआईडी

वर्चुअल आईडी एक तरह का अस्थायी नंबर है। इसमें कुछ ही विवरण होंगे। अगर किसी को कहीं अपने आधार का विवरण देना है तो वह आधार की जगह वीआईडी नंबर दे सकता है।

ऐसे ले सकेंगे वीआईडी

यह एक डिजिटल आईडी होगी। इसे सिर्फ यूआईडीएआई के पोर्टल से ही जनरेट किया जा सकता है। यह एक दिन के लिए मान्य होगा। यानी इसे जरूरत पड़ने पर रोजाना हासिल करना होगा।

ऐसे जनरेट करें

- इसके लिए यूआईडीएआई के होमपेज पर जाएं।

- अपना आधार नंबर डालें फिर सिक्योरिटी कोड डालें और सेंड ओटीपी पर क्लिक कर दें।

- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी मिल जाएगा।

- ओटीपी डालने के बाद आपको नई वीआईडी जनरेट करने का विकल्प मिल जाएगा।

जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी। यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा।

वीआईडी से क्या होगा

यह आपको सत्यापन के समय आधार नंबर को साझा नहीं करने का विकल्प देगी। वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का सत्यापन हो सकेगा। कोई यूजर जितनी चाहे, उतनी वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेगा। पुरानी आईडी अपने आप निरस्त हो जाएगी। अधिकृत एजेंसियों को आधार कार्ड धारक की ओर से वर्चुअल आईडी जनरेट करने की अनुमति नहीं होगी।


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