‘भूदान’ आंदोलन के सूत्रधार संत विनोबा भावे की 121वीं जयंती आज
तेलंगाना से भूदान आंदोलन की शुरुआत करने वाले विनोबा भावे की 121वीं जयंती आज है।
नई दिल्ली। ‘भूदान’ आंदोलन के सूत्रधार, स्वतंत्रता सेनानी व समाज सेवक, आचार्य विनोबा भावे की आज 121वीं जयंती है। उन्हें 1983 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
11 सितंबर 1895 में महाराष्ट्र के कोलाबा जिले में उनका जन्म हुआ था। बचपन में उनका नाम विनायक नरहरि भावे था जो आगे चलकर विनोबा भावे हो गया। अहिंसा व मानवाधिकारों की वकालत करने वाले विनोबा को ‘आचार्य’ की उपाधि भी मिली थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वे महात्मा गांधी के साथ थे।
विनोबा को उनके भूदान आंदोलन की वजह से जाना जाता है। तेलंगाना के नालगोंडा जिले से 18 अप्रैल 1951 को विनोबा ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी। वे जमीन के मालिकों से दान के तौर पर जमीन लेकर गरीब लोगों को खेती के लिए देते थे।
विनोबा आध्यात्मिक विचार वाले थे। उन्होंने अपने आखिरी दिन महाराष्ट्र के वर्धा जिले में पौनार के एक आश्रम में बिताया। 15 नवंबर 1982 में उनकी मौत हो गई। मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 1958 में अंतर्राष्ट्रीय मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले विनोबा पहले व्यक्ति थे।
जयंती पर याद किये गये संत विनोबा भावे
भावे अहिंसा व मानव अधिकारों की वकालत करते थे भारत के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर संत विनोबा भावे को याद कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
On his birth anniversary, I bow to the venerable Acharya Vinoba Bhave, who devoted his life towards creating a just & compassionate society.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2016
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी विनोबा भावे केे सराहनीय योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
“भूदान आन्दोलन” के प्रणेता भारत रत्न आचार्य श्री विनोभा भावे जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि | pic.twitter.com/v5MYOBeWxw
— Amit Shah (@AmitShah) September 11, 2016