Move to Jagran APP

यहां ज्ञान के प्रकाश से जगमग हो रहे हैं झोपडि़यों के सूरज, कई बच्‍चों की राह में हुआ उजाला

विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी उन बच्‍चों के जीवन में नया उजाला बिखेर रही है जो धन की कमी की वजह से आगे नहीं बढ़ पाते।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 11:08 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 11:21 AM (IST)
यहां ज्ञान के प्रकाश से जगमग हो रहे हैं झोपडि़यों के सूरज, कई बच्‍चों की राह में हुआ उजाला

बुलंदाशहर/सीतापुर [नवनीत शर्मा/गोविंद मिश्र]। उत्‍तर प्रदेश के सीतापुर और बुलंदशहर में 10 वर्षों से संचालित विद्याज्ञान स्कूल के कई बच्चे बड़ी कामयाबी पा चुके हैं। उप्र के विभिन्न जिलों के वंचित परिवारों के चयनित बच्चे इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं।इनमें से कई ने इतिहास रचा है। विदेश की कई बड़ी यूनिवर्सिटी में शतप्रतिशत छात्रवृत्ति पर दाखिला पाकर ये बच्चे भविष्य की लीडर बनन में जुटे हैं। लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर सीतापुर जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी की दूरी पर विद्याज्ञान बोर्डिंग स्कूल मौजूद है। मकसद, उन गरीब परिवारों के बच्चों का भविष्य संवारना, जो पढ़ना तो चाहते हैं, मगर अभावों की बेड़ियों के चलते आगे नहीं बढ़ पाते। वर्ष 2017 में इस विद्यालय में पढ़ने वाले चार बच्चों को विदेशी यूनिवर्सिटी में शतप्रतिशत छात्रवृत्ति पर दाखिला मिला। यह सिलसिला जारी है।

loksabha election banner

विदेशी विवि में दाखिला पाने वाले इन बच्चों में से कुछ के पिता छोटे किसान थे तो कुछ मजदूरी कर परिवार का पेट पालते थे। वर्ष 2017 बैच के शाहजहांपुर के दर्शन कुमार व रायबरेली के रुद्र को वर्जीनिया यूनिवर्सिटी, पीलीभीत के हिमांशु व मेरठ के निश्चल पेनेसिलवेनिया यूनिवर्सिटी में शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप पर प्रवेश हुआ था। इसके अलावा मैनपुरी के सुमित का पेनसिलवेनिया, झांसी के अमरीश का पर्डयू यूनिवर्सिटी और झांसी की वैशाली को मैसाचुएट्स यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला था।

विद्याज्ञान स्कूल में पढ़ने वाली बाराबंकी जिले के बहरामपुर गांव की रहने वाली छात्रा प्रिया अवस्थी को हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग करने का अवसर मिला था। ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता में शामिल होकर प्रिया को यह अवसर प्राप्त हुआ था। प्रिया के पिता राजेश अवस्थी वाहन चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं।

एक लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों के बच्चों को ही प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश मिलता है। यहां कक्षा  छह से इंटरमीडिएट तक पढ़ने का मौका दिया जाता है। सभी जिलों में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। चयनित विद्यार्थियों को बोर्डिंग स्कूल में रहने-खाने-पढ़ाई की सारी सुविधाएं निश्शुल्क मिलती हैं।

सीमाओं को तोड़ रही प्रतिभा की झंकार 

शिव नादर फाउंडेशन का उप्र में दूसरा विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल बुलंदशहर में स्थापित है। संस्थान की अपनी कई खासियत हैं, लेकिन प्रवेश का आधार सिर्फ योग्यता है। यहां से निकले 10 बच्चे अमेरिका में स्वर्णिम भविष्य का ताना-बाना बुन रहे हैं। कई युवक मल्टीनेशनल और नामचीन कंपनियों में बड़े पदों पर कार्यरत हैं। अनेक बच्चे भारत के तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में दाखिला पा रहे हैं।

वंचित वर्ग के प्रतिभावान बच्चों की प्रतिभा को आयाम देने के लिए 2009 में शिव नादर फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश में यह अभियान शुरू किया था। जिसके बाद इन स्कूलों की स्थापना की गई। बुलंदशहर में 2009 में यह स्कूल शुरू हुआ। इसमें ऐसे बच्चों को मौका दिया जाता है, जिनमें प्रतिभा के दम पर आगे बढ़ने की ललक तो है, लेकिन विषम हालात रास्ता रोके खड़े हैं। कक्षा पांच का रिजल्ट और प्रवेश परीक्षा से इसका निर्धारण होता है।

प्रवेश परीक्षा से दाखिला

यह स्कूल भी कक्षा छह से 12वीं तक है। कक्षा छह में दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए होता है। हर साल हजारों बच्चे प्रवेश परीक्षा देते हैं। करीब चार हजार बच्चे दूसरे चरण तक पहुंचते हैं। स्कूल की क्षमता 600 बच्चों की है। प्रवेश से पहले बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति (सालाना आय एक लाख से कम) और मेडिकल जांच होती है। पूर्ण आवासीय पद्धति पर आधारित विद्यालय में बच्चे की शिक्षा के साथ आवास, भोजन, स्मार्ट क्लास, खेलकूद आदि की सुविधाएं भी निश्शुल्क हैं। विद्यालय में सभी विषयों की पढ़ाई की सुविधा है।

अमेरिका तक पहुंची प्रतिभाएं

संस्थान में पढ़ाई पूरी कर चुके 10 बच्चे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका की विभिन्न यूनिवर्सिटी में प्रवेश पा चुके हैं। मेडिकल और आइआइटी में भी सौ से अधिक बच्चों का दाखिला हुआ है।  

क्‍या कहते हैं प्रधानाचार्य

विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी के प्रधानाचार्य विश्वजीत बनर्जी का कहना है कि वर्ष 2009 में इस स्कूल की स्थापना

हुई थी। 2016 में इंटर पास करके पहला बैच निकला। दस बच्चे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिकी विवि में स्कॉलरशिप पा चुके हैं। सौ से अधिक आइआइटी में। कई मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.